Ramadan Advisory: सहरी के समय नहीं बजेगा लाउडस्पीकर, मस्जिदों में नहीं जुटेंगे 100 से ज्यादा नमाजी
डेढ़ पारे की तरावीह की नमाज का करें इंतजाम:- इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहाकि, एडवाइजरी जारी करने का सही मतलब यह है कि, इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बेअंदाजा तरीके से बढ़ रहे हैं। इसलिए सबकी खैरियत जरूरी है। इसलिए रमजान में डेढ़ पारे की तरावीह की नमाज का इंतजाम किया जाए, ताकि नमाज में शामिल लोग नाइट कर्फ्यू से पहले अपने घरों को पहुच जाएं।
डेढ़ पारे की तरावीह की नमाज का करें इंतजाम:- इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहाकि, एडवाइजरी जारी करने का सही मतलब यह है कि, इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बेअंदाजा तरीके से बढ़ रहे हैं। इसलिए सबकी खैरियत जरूरी है। इसलिए रमजान में डेढ़ पारे की तरावीह की नमाज का इंतजाम किया जाए, ताकि नमाज में शामिल लोग नाइट कर्फ्यू से पहले अपने घरों को पहुच जाएं।
रमजान की एडवायजरी Ramadan Advisory :- रमजान में कोविड प्रोटोकॉल पर अमल करें।
रमजान के रोजे़ फर्ज हैं, सारे मुसलमान रोजे रखें।
तरावीह जो रमजान में सुन्नत मुअक्किदा है उसका एहतिमाम जरूर करें।
मस्जिदों में तरावीह में डेढ़ पारे ही पढ़े जाएं, ताकि नमाजी घर पहुंच जाए।
मस्जिद में 100 से अधिक लोग एकत्रित न हों।
मस्जिद में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
सेहरी के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग न करें।
इफ्तार में भी 100 से अधिक लोग जमा न हों।
इफ्तार में इस बीमारी के अन्त के लिए दुआ जरूर करें।
गरीबों के लिए इफ्तारी करने वाले इस साल भी मस्जिदों में इफ्तारी का आयोजन करें।
इफ्तार पार्टियां करने वाले इस बार इस रकम या इसका राशन गरीबों को दे दें।
जकात फर्ज है, जकात जरूर अदा करें।
रमजान के रोजे़ फर्ज हैं, सारे मुसलमान रोजे रखें।
तरावीह जो रमजान में सुन्नत मुअक्किदा है उसका एहतिमाम जरूर करें।
मस्जिदों में तरावीह में डेढ़ पारे ही पढ़े जाएं, ताकि नमाजी घर पहुंच जाए।
मस्जिद में 100 से अधिक लोग एकत्रित न हों।
मस्जिद में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
सेहरी के लिए लाउडस्पीकर का प्रयोग न करें।
इफ्तार में भी 100 से अधिक लोग जमा न हों।
इफ्तार में इस बीमारी के अन्त के लिए दुआ जरूर करें।
गरीबों के लिए इफ्तारी करने वाले इस साल भी मस्जिदों में इफ्तारी का आयोजन करें।
इफ्तार पार्टियां करने वाले इस बार इस रकम या इसका राशन गरीबों को दे दें।
जकात फर्ज है, जकात जरूर अदा करें।