लखनऊ

यूपी का बिजली विभाग उलटे अब आपको देगा रकम, पर यह होगी शर्त

बिजली उपभोक्ताओं के लिए अलग से मुआवजा कानून लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बनाउपभोक्ताओं की शिकायतों को नजरअंदाज करना अब बिजली कंपनियों को महंगा पड़ेगातय समय में शिकायत का समाधान नहीं करने पर उपभोक्ताओं को प्रतिदिन के हिसाब से देना पड़ेगा मुआवजा राज्य विद्युत नियामक आयोग ने स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 में किया इसका प्रावधान

लखनऊFeb 20, 2020 / 12:32 pm

Mahendra Pratap

यूपी का बिजली विभाग उलटे अब आपको देगा रकम, पर यह होगी शर्त

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की बिजली उपभोक्ताओं के परेशान होने के दिन गए। अब बिजली कंपनियां जरा सा भी उपभोक्ताओं संग कोताही बरतेंगी तो उसका मुआवजा उन्हें अदा करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को अब मुआवजा मिलेगा। मतलब तय समय में शिकायत का हल नहीं निकालने पर उन्हें उपभोक्ताओं को प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजा देना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश शासन के ‘स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2019’ की अधिसूचना जारी करते ही यह कानून उत्तर प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसी के साथ बिजली उपभोक्ताओं के लिए अलग से मुआवजा कानून लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है। स्टैंडर्ड आफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 के तहत विद्युत् ग्राहकों को मुआवजा देने के लिए अधिकतम 60 दिन मिलेंगे। उत्तर प्रदेश करीब 2.87 करोड़ विद्युत उपभोक्ता हैं।
बिजली विभाग के नए कानून के अनुसार उपभोक्ता सेवाओं के तहत हर काम के दिन तय कर दिए हैं। इनमें प्रमुख रूप से मकान, दुकान के बिकने पर स्वामित्व स्थानांतरण, जले मीटर, मीटर तेज चलने (खराब), विद्युत लोड घटाने-बढ़ाने, लाइन शिफ्ट करने और गलत बिल का संशोधन शामिल हैं। तेज चलने वाले मीटर को तभी बदला जाएगा, जब चेक मीटर की रिपोर्ट प्रार्थना पत्र के साथ अटैच होगी।
राज्य विद्युत नियामक आयोग के अनुसार, ऐसा आफिसर जहां पूरा सिस्टम (तय दूरी पर पोल, लाइन, ट्रांसफार्मर) मौजूद है, वहां आवेदन करने के सात दिन में कनेक्शन न देने पर उपभोक्ता बिजली कंपनी से 250 रुपए रोजाना के रेट से मुआवजा वसूल सकता है। आवेदन पत्र के जमा कराने के बाद ही दिन की गिनती शुरू होगी।
विद्युत उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम के अध्यक्ष जस्टिस सैयद मोहम्मद हसीब ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग ने शिकायत का समाधान न करने पर मुआवजा देने का प्रावधान कर दिया है। विभाग यदि मुआवजा नहीं देता है तो फोरम में शिकायत करें। कार्रवाई की जाएगी।
बिजली की कम आपूर्ति पर मुआवजा :-
1. श्रेणी एक के शहरों में : 20 रुपए प्रति किलोवाट प्रति घंटे
2. शहरी क्षेत्रों में : 20 रुपए प्रति किलोवाट प्रति घंटे
3. ग्रामीण क्षेत्रों में : 10 रुपए प्रति किलोवाट प्रतिघंटे
बिजली जारी करने में हुई देरी पर :-
1. सामान्य फ्यूज उड़ने पर : 50 रुपए प्रतिदिन
2. ओवरहेड लाइन पर : 100 रुपए प्रतिदिन
3. भूमिगत केबिल पर : 100 रुपए प्रतिदिन
4. ग्रामीण ट्रांसफार्मर पर : 150 रुपए प्रतिदिन
मीटर संबंधी काम में देरी पर मुआवजा :-
1. उसी परिसर में शिफ्टिंग पर: 50 रुपए प्रतिदिन
2. मीटर रीडिंग पर: 200 रुपए प्रतिदिन
3. खराब मीटर बदलने पर: 50 रुपए प्रतिदिन
4. जला मीटर बदलने पर: 50 रुपए प्रतिदिन
बड़े व्यवधान पर मुआवजा :-
1. ट्रांसफार्मर से वोल्टेज समस्या : 50 रुपए प्रतिदिन
2. वोल्टेज के लिए नई लाइन : 100 रुपए प्रतिदिन
3. वोल्टेज के लिए उपकेंद्र की जरूरत : 250 रुपए प्रतिदिन
4. छह फीसदी कम व ज्यादा लो वोल्टेज पर : 50 रुपए प्रतिदिन
5. नौ फीसदी कम व छह फीसदी ज्यादा वोल्टेज पर : 50 रुपए प्रतिदिन
6. 12.5 फीसदी कम और 10 फीसदी ज्यादा ईएचवी पर : 50 रुपए प्रतिदिन
1. बिल संबंधी शिकायत पर : 50 रुपए प्रतिदिन
2. लोड घटाने-बढ़ाने पर : 50 रुपए प्रतिदिन
3.कनेक्शन खत्म कराने पर : 50 रुपए प्रतिदिन
4. काल्पनिक बकाया बढ़ाने पर : 100 रुपए प्रतिचक्र
कॉल सेंटर से सही प्रतिक्रिया नहीं मिलने मुआवजा :-
1.पहली बार में रिस्पॉन्स न देने पर : 50 रुपए प्रतिदिन
2. कॉल रजिस्टर न करने व शिकायत नंबर न देने पर : 50 रुपए प्रतिदिन
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