भारत के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। प्रदेश में 46 चीनी मिलें अभी भी पेराई कर रही हैं और मुंह को मिठास से भरने वाली चीनी का उत्पादन कर रही हैं। निजी चीनी मिलों का संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी इस्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 122.28 लाख टन हो चुका है यह अब तक का सबसे उंचा स्तर है। देशभर में इस साल चीनी का उत्पादन करीब 19 फीसदी घट गया है। चालू चीनी सत्र में 15 मई तक चीनी का उत्पादन 264.65 लाख टन हुआ है यह बीते सत्र के मुकाबले 61.54 लाख टन यानी 18.86 फीसदी कम है। इस हिसाब से जहां लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़ा है, वहीं देश में चीनी के उत्पादन में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
किसानों को 56 फ़ीसदी भुगतान :- गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा ने कहाकि कोरोनावायरस के बावजूद प्रदेश में चीनी उत्पादन का नया कीर्तिमान बनाया है। इस सत्र में प्रदेश में 119 चीनी मिलों ने पेराई की थी, जिसमें 80 अभी बंद हुई हैं। पर 39 मिलों में पेराई काम चल रहा है। चीनी मिलों ने 10,918 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की है। साथ किसानों को अभी 56 फ़ीसदी भुगतान किया जा चुका है। साथ ही गन्ना मूल्य भुगतान में विलंब करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए हैं।
जून तक चलेंगी मिलें :- पूर्वी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं लेकिन राज्य के मध्य हिस्से में 40 फीसदी मिलें चालू हैं जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो करीब 70 फीसदी मिलों में चीनी का उत्पादन चल रहा है। उद्योग संगठन का अनुमान है कि इस महीने के आखिर तक ज्यादातर मिलों में गन्ने की पेराई बंद हो जाएंगी जबकि कुछ मिलें जून के पहले सप्ताह तक चल सकती हैं।
गन्नों की पेराई जारी :- कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में लॉकडाउन हो जाने से गुड़ व खांडसारी फैक्टरियां जल्दी बंद हो गईं इसलिए गन्ने की आपूर्ति चीनी मिलों में अब तक हो रही हैं। गन्ना विभाग प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि किसानों के गए गन्नों की पेराई होती रहे।
19 हजार करोड़ रुपए का भुगतान :- वर्तमान पेराई सत्र में राज्य सरकार ने किसानों को 19 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया है। यह कुल बकाए का 56 प्रतिशत है। गन्ना किसानों को 44 प्रतिशत रुपए का भुगतान किया जाना अभी भी बाकी है।