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यूपी में भक्तों और पुजारियों को मंदिरों के पट खुलने का बेसब्री से इंतजार, एक जून से खुलने की उम्मीद

locationलखनऊPublished: May 27, 2020 02:28:26 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

कर्नाटक में एक जून से सभी मंदिर खुलने जा रहा है। यूपी में साधु-संतों और मंहतों सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सभी साधु-संत एक जून से मंदिर खोलने की मांग कर रहे है। उम्मीद लगाई जा रही है कि भगवान के मंदिरों का कपाट एक जून से सरकार खोल देगी।

यूपी में भक्तों और पुजारियों को भगवान के मंदिरों के पट खुलने का बेसब्री से इंतजार, एक जून से खुलने की उम्मीद

यूपी में भक्तों और पुजारियों को भगवान के मंदिरों के पट खुलने का बेसब्री से इंतजार, एक जून से खुलने की उम्मीद

लखनऊ. लॉकडाउन के 64 दिन बीत चुके हैं। रामजन्मभूमि अयोध्या, कृष्णजन्मभूमि मथुरा, शिवनगरी काशी हो या फिर तीन पवित्र नदियों का संगम प्रयागराज सहित पूरे प्रदेश के मंदिर लॉकडाउन से बंद पड़े हैं। भगवान और भक्त दोनों ही एकदूसरे के दर्शन को तरस गए हैं। भक्त दर्शन को आ नहीं रहे हैं, जिस वजह से भगवान को जो चढ़ावा चढ़ता था वह अब न के बराबर हो गया है। पर मंदिर की साफ-सफाई, भगवान का स्नान, श्रृंगार, आरती नियमित रुप से दोनों वक्त चल रही है। कर्नाटक में एक जून से सभी मंदिर खुलने जा रहा है। यूपी में साधु-संतों और मंहतों सुगबुगाहट हो गई है। सभी साधु-संत एक जून से मंदिर खोलने की मांग कर रहे है। उम्मीद लगाई जा रही है कि भगवान के मंदिरों का कपाट एक जून से सरकार खोल देगी।
देश के कई राज्यों से उत्तर प्रदेश में आ रहे मजदूरों के कारण पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिस वजह से अभी किसी भी सार्वजनिक स्थल को खोलने की अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में मंदिरों की नगरी का जाने वाली अयोध्या, मथुरा, प्रयागराज और काशी में बाहर के श्रद्धालु के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए प्रवेश वर्जित किया गया है। पर अब जब कर्नाटक सरकार अपने प्रद्रेश में 50 प्रमुख मंदिरों को एक जून से खोलने जा रही है। तो यूपी के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यह उम्मीद पक्की हो रही है कि यह भी 68 दिनों के बाद मंदिरों के बंद कपाट खोल दिए जाएंगे।
यूपी में भक्तों और पुजारियों को भगवान के मंदिरों के पट खुलने का बेसब्री से इंतजार, एक जून से खुलने की उम्मीद
साधु संतों की सरकार से मंदिर खोलने की मांग :- अयोध्या के साधु-संतों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दर्शनार्थियों के लिए मंदिरों में दर्शन पूजन कराने की मांग शुरू कर दी है। वर्तमान में मंदिर परिसर में रहने वाले पुजारी व व्यवस्था सम्बंधित लोग भगवान की आरती व पूजन में शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा बाकी जगहों के साधु संतों ने सरकार से मंदिर खोलने की मांग की है। अयोध्या मंदिरों की नगरी हैं जहां आम दिनों में लाखों की भीड़ अयोध्या के कुछ प्रमुख मंदिरों में होती है, जिसमें कनक भवन, हनुमानगढ़ी, श्रीरामजन्मभूमि, नागेश्वरनाथ, मणिराम दास छावनी, जानकी महल, राम हर्षण कुंज, श्रीरामवल्लभा कुंज, छोटी देवकाली, धीरेश्वर नाथ महादेव मंदिर, जानकी घाट बड़ा स्थान, दशरथ महल सहित अन्य कई मंदिर है। लेकिन इस बीच मंदिर परिसर की धुलाई प्रतिदिन की जा रही है साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ परिसर के अंदर अन्य कार्य भी हो रहे हैं।
रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहाकि राम जन्मभूमि परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है और जो लोग भी दर्शन के लिए आ रहे हैं इसके लिए सेनीटाइज की भी व्यवस्था की गई है समय-समय पर वहां पर लगे कर्मचारियों व सुरक्षाकर्मियों की थर्मल स्कैनिंग व अन्य जांच किया जा रहा है। अयोध्या में अन्य मंदिरों के हालात इस वक्त सही नहीं है क्योंकि यहां की व्यवस्थाएं भक्तों पर डिपेंड करती है। लॉकडाउन की वजह से कोई भी दर्शनार्थी मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहा है इसलिए साधु संत काफी चिंतित हैं।
हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने बताया कि लोकल स्तर पर दर्शनार्थियों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग से पूजन अर्चन की अनुमति उत्तर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को देनी चाहिए, जिससे मंदिरों की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
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वाराणसी में सभी कर रहे आदेश का इंतजार :- 64 दिनों से काशी विश्वनाथ मंदिर में आम भक्तों का प्रवेश बन्द है। काशीवाशी अपने अपने आराध्य से दूर हैं। न गंगा आरती है न गंगा की लहरों पर पर्यटकों का रेला। संकटमोचन हनुमान समेत दर्गाकुंड के दर्शन से काशीवाशी अलग हुए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब काशी में धर्म दान पुण्य सब कुछ रुका है। सभी को धार्मिक स्थल खुलने का इंतज़ार है। अब काशी के सन्त महंत और पुजारियों में आस जगी है कि प्रदेश की सरकार जल्द मन्दिरों के कपाट खोलने का आदेश जारी कर सकती है। काशी अन्नपूर्णा मठ मन्दिर व अन्नक्षेत्र क्षेत्र से जुड़े सन्त श्याम माधव कहते हैं कि हमें भी अब उम्मीद बढ़ी है कि मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए जल्द खुल जाएंगे। जैसे हर जगह नियमों का पालन कर लॉकडाउन में सारे काम हो रहे हैं वैसे मंदिर भी जल्द खुलें।
सोशल डिस्‍टेंसिंग पर सहमति :- काशी विद्वत परिषद ने कहाकि देवालयों में सोशल डिस्‍टेंसिंग सेनेटाइजेशन साफ सफाई की सुविधा के साथ मन्दिर जल्द खुलें तो अच्छा होगा। मन्दिरों को जल्द खोले जाने की आशा के साथ काशी विश्‍वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर, अन्‍नपूर्णा मंदिर, दुर्गा मंदिर, महामृत्‍युंजय मंदिर, कालभैरव, जगन्‍ननाथ मंदिर समेत अन्‍य सभी प्रमुख मंदिरों के महंतों और व्‍यवस्‍थापकों ने मंदिर में दर्शन-पूजन के दौरान सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करने पर सहमति जताई है। इन सभी का कहना है की लॉकडाउन में ढील मिलना कोरोना खत्म होना नहें है इसलिए हम समझते हैं की मन्दिर खोले गए तो लापरवाही नहीं होगी। काशी विश्वनाथ मन्दिर के कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने कहा की काशी विश्वनाथ मंदिर में अर्चकों द्वारा पूजा पाठ और परंपरा निरन्तर चल रही है। सरकार का आदेश मिलते ही मन्दिर खुल जाएंगे। जो भी गाइडलान मिलेगी उसका पालन किया जाएगा।
यूपी में भक्तों और पुजारियों को भगवान के मंदिरों के पट खुलने का बेसब्री से इंतजार, एक जून से खुलने की उम्मीद
प्रयागराज में आखिर कब तक रहेगी भक्त-भगवान की दूरी :- संगम नगरी में 19 मार्च से मंदिरों में दर्शन पूजन बंद है। शहर में विश्व प्रसिद्द बड़े हनुमान मंदिर सहित बेनी माधव मंदिर, मनकामेश्वर धाम, पांडेश्वर धाम, अलोप शंकरी मंदिर बीते 64 दिनों से बंद है। बड़े हनुमान मंदिर के छोटे महंत योग गुरु स्वामी आनंदगिरी के अनुसार मंदिर में डेढ़ सौ लोग हैं, जिनका परिवार मंदिर से ही चलता है। इन परिवारों के जीवनयापन का संकट मंडरा रहा है। हालांकि इस दौरान मंदिर जो भी इनके लिए कर सकता है वह कर रहा है।
स्वामी आनंद गिरी ने कहा कि सरकार को मंदिरों के लिए नई गाइडलाइन लानी चाहिए।सरकार की ओर से मंदिरों को कोई भी राहत नहीं दी गई है। ऐसे में मंदिर अगर नहीं खुलेंगे तो बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कत होने जा रही है। सरकार अगर गाइडलाइन देती है तो उसका पालन होगा। उन्होंने कहा की मंदिरों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का मानक तय करके सरकार मंदिरों को खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। मंदिरों को खोलने पर प्रदेश सरकार अगर मंदिरों को सैनिटाइजर मशीन उपलब्ध कराती है ,तो भक्तों को सैनिटाइज करने के बाद मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। नही तो मंदिर अपनी व्यवस्था के तहत सरकार की गाइड लाइन का पालन करेगा।
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श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में तैयारियां शुरू :- प्रदेश के साथ-साथ मथुरा के हॉटस्पॉट क्षेत्र को छोड़कर बाकी बाजारों को सशर्त खोला गया है। आगामी दिनों में मंदिर खोले जाते है तो मंदिरों में प्रवेश सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये दिया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में तैयारियां शुरू कर दी गयी है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के विशेष अधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया कि मंदिर प्रशासन मंदिर खुलने के आदेश का इंतजार कर रहा है। सैनिटाइजर से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग तक का प्रबंध मंदिर प्रबंधक ने कर लिया है। साथ ही बिना मास्क किसी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इन सभी तैयारियों को मंदिर प्रशासन ने पूर्ण कर लिया है अब बस इंतजार है शासन आदेश का।
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