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लखनऊ

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के 10 अहम बिंदु जानिए

सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने मंगलवार को धर्मांतरण अध्यादेश के मसौदे को दी मंजूरी

लखनऊNov 25, 2020 / 01:27 pm

Mahendra Pratap

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के 10 अहम बिंदु जानिए

उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020 के 10 अहम बिंदु जानिए

लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली यूपी कैबिनेट ने मंगलवार को धर्मांतरण अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी है। यूपी कैबिनेट से पास किए गए ‘विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ (Uttar Pradesh Vidhi Virudh Dharm Samparivartan Pratishad Adyadesh, 2020) के 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानिए।
1. धर्म छिपाकर या जबरन धर्म बदलवाकर होने वाली शादियों को रोकने के लिए योगी सरकार ने धर्मांतरण अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी है। झांसा देकर, झूठ बोलकर या छल-प्रपंच करके धर्म परिवर्तन करने-कराने वालों के साथ सरकार सख्ती से पेश आएगी।
2. अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म बदला गया तो ऐसी शादी न केवल अमान्य घोषित कर दी जाएगी, बल्कि धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल तक जेल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
3. राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा। नया कानून अमल में आने के बाद ऐसा अपराध गैर जमानती होगा।

4. अध्यादेश के अनुसार किसी एक धर्म से अन्य धर्म में लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ एकमात्र प्रयोजन शादी के लिए किया जाता है तो ऐसा विवाह शून्य (अमान्य) की श्रेणी में लाया जा सकेगा।
5. अध्यादेश के अनुसार एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के लिए संबंधित पक्षों को विहित प्राधिकारी के समक्ष उद्घोषणा करनी होगी कि यह धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है। संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है। संबंधित लोगों को यह बताना होगा कि उन पर कहीं भी, किसी भी तरह का कोई प्रलोभन या दबाव नहीं है। धर्म परिवर्तन पूरी तरह स्वेच्छा से है, इसकी घोषणा करनी होगी
6. अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के सभी पहलुओं पर प्रावधान तय किए गए हैं। इसके अनुसार धर्म परिवर्तन का इच्छुक होने पर संबंधित पक्षों को तय प्रारूप पर जिला मजिस्ट्रेट को दो माह पहले सूचना देनी होगी। इसका उल्लंघन करने पर छह माह से तीन वर्ष तक की सजा हो सकती है। इस अपराध में न्यूनतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है।
7. दबाव डालकर या झूठ बोलकर अथवा किसी अन्य कपट पूर्ण ढंग से अगर धर्म परिवर्तन कराया गया तो यह एक संज्ञेय अपराध माना जाएगा।

8. यह गैर जमानती होगा और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में मुकदमा चलेगा। दोष सिद्ध हुआ तो दोषी को कम से कम 01 वर्ष और अधिकतम 05 वर्ष की सजा भुगतनी होगी। साथ ही कम से कम 15,000 रुपए का जुर्माना भी भरना होगा।
9. अगर धर्म परिवतर्न का मामला अवयस्क महिला, अनूसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की महिला के संबंध में हुआ तो दोषी को तीन वर्ष से 10 वर्ष तक कारावास की सजा और न्यूनतम 25,000 जुर्माना अदा करना पड़ेगा।
10. योगी सरकार ने सामूहिक धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम लगाने के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं। नए कानून में सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में तीन से 10 वर्ष तक जेल हो सकती है और कम से कम 50,000 रुपए का जुर्माना भरना होगा।
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