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यूपी में गेहूं किसान मायूस, इन दो कारणों से गेहूं की सरकारी खरीद हो रही कम

locationलखनऊPublished: Apr 17, 2021 04:11:37 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

पूरे प्रदेश में किसानों से गेहूं खरीद (wheat procurement Start) एक अप्रैल से शुरू हो गई है। करीब आधा महीना अप्रैल का बीत गया है पर गेहूं खरीद व्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा गई है।

यूपी में गेहूं किसान मायूस, इन दो कारणों से गेहूं की सरकारी खरीद हो रही कम

यूपी में गेहूं किसान मायूस, इन दो कारणों से गेहूं की सरकारी खरीद हो रही कम

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. पूरे प्रदेश में किसानों से गेहूं खरीद (wheat procurement Start) एक अप्रैल से शुरू हो गई है। करीब आधा महीना अप्रैल का बीत गया है पर गेहूं खरीद व्यवस्था बुरी तरह से लड़खड़ा गई है। किसान मायूस (UP Wheat farmer Downcast) हैं। इन सबके पीछे बड़े दो कारण पंचायत चुनाव और कोरोना वायरस संक्रमण का कहर है। पंचायत चुनाव और कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से प्रदेश के तमाम सरकारी गेहूं क्रय केंद्र बंद हो गए हैं। अब अगर खुले बाजार की बात करें तो सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री न होने की वजह से व्यापारी किसानों को बहुत ही कम दाम दे रहे हैं।
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गेहूं खरीद का तीन दिन में होगा भुगतान :- पूरे उत्तर प्रदेश में 6000 क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद एक अप्रैल से शुरू होकर 15 जून चलेगा। इस बार सरकार किसानों को एक कुंतल गेहूं के लिए 1975 रुपए दे रही है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के तुलना में पचास रुपए बढ़ाकर 1975 रुपए प्रति कुंतल (MSP) किया गया है। भुगतान पर मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के सख्त निर्देश हैं कि, गेहूं खरीद का तीन दिन में भुगतान किया जाए।
किसान परेशान:- गेहूं खरीद के समय ही यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव शुरू हो गया। गेहूं खरीद केंद्र में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी, उनकी ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई। चुनाव प्रक्रिया 14 अप्रैल तक पूरी हुई। इस दौरान अधिकतर गेहूं खरीद केंद्र बंद रहे। अब अप्रैल माह में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सबको डरा दिया है। जिस तेजी से कोरोनावायरस अपनी चपेट में सबको ले रहा है, उसमें बहुत सारे कर्मचारी वो भी शामिल हैं जिन पर गेहूं क्रय केंद्र की जिम्मेदारी है। ये बड़ी वजहें हैं जिस वजह से यूपी में गेहूं की खरीद प्रभावित हो गई है।
डेढ़ हजार रुपए कुंतल में बिका रहा गेहूं :- यूपी में सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं 1975 रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से खरीदा जा रहा है। पर खरीद न होने से खुले बाजार में गेहूं का रेट नहीं बढ़ रहा है। क्रय केंद्र बंद होने के चलते किसानों को मजबूरी में डेढ़ हजार रुपए कुंतल बेचना पड़ रहा है। प्रयागराज में तैनात डिप्टी आरएमओ विपिन कुमार ने बताया कि, चुनाव खत्म होने पर गेहूं खरीद में तेजी आएगी।
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