उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से शुरू हुई गेहूं ख़रीद के लिए राज्य सरकार ने 55 लाख टन गेहूं ख़रीद का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 5,831 ख़रीद केंद्र बनाए। 10 खरीद एजेंसियां को गेहूं खरीद की जिम्मेदारी दी है। 15 जून को यह समय सीमा खत्म हो जाएगी। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार 24 मई तक उत्तर प्रदेश में 20.3 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए यूपी सरकार ने जहां मानकों को गिरा दिया है वहीं किसानों को मोबाइल क्रय केंद्रों की सुविधा भी उपलब्ध कर रही है। इस वर्ष गेहूं का एमएसपी 1925 रुपए पर कुंतल है।
मोबाइल क्रय केंद्रों से गेहूं खरीद :- खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि अपेक्षित खरीद न होने और किसानों को अधिकाधिक लाभ पहुंचाने के लिए मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं खरीद करने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों व संभागीय खाद्य नियंत्रकों को दिए गए है। मोबाइल केंद्रों के अलावा उप केंद्र खोलकर गेहूं खरीद की गति को बढ़ाया जाएगा। जिन क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक कम हो उनको स्थानांतरित किया जाएगा अथवा उपकेंद्र खोला जाएगा। इसके अलावा राजस्व विभाग और मंडी परिषद के कर्मचारियों को गेहं खरीद बढ़ाने में सहयोग करने को कहा है। सहकारिता विभाग की क्रय एजेंसियों को लक्ष्य पूरा करने के लिए एडीओ सहकारिता व अन्य कर्मचारियों से सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं।
गेहूं खरीद मानकों में ढील :- खाद्य आयुक्त बताया है कि असमय वर्षा और ओलावृष्टि से अधिकांश जिलों में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ था। इस कारण किसान को अपने उत्पाद बेचने में समस्या आ रही थी। चौहान ने सभी जिलाधिकारियों संभागीय खाद्य नियंत्रक को निर्देश दिया है कि केंद्र सरकार के गेहूं खरीद के मानकों में दी गई छूट के बाद अब तक जिन किसानों का गेहूं मानक में न होने के कारण नहीं खरीदा जा सका था, उन किसानों का भी गेहूं खरीदा जाए। खराब मौसम से प्रभावित 42 जिलों में दी गई मानकों में छूट का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं।
42 जिलें जिनमें छूट दी गई :- ललितपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, बलरामपुर, महाराजगंज, संभल, बिजनौर, मुरादाबाद, गोंडा, आगरा, मथुरा, संत कबीर नगर, अंबेडकरनगर, मेरठ, अयोध्या, रायबरेली, मिर्जापुर, उन्नाव, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली, प्रयागराज, इटावा, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जौनपुर, सोनभद्र, बाराबंकी, लखनऊ, कौशांबी, अमेठी, औरैया, सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, मेरठ, कन्नौज, फतेहपुर, रामपुर, फिरोजाबाद, सुल्तानपुर और बांदा शामिल है।
कोरोना के अलावा तीन बड़ी चुनौतियां :- केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कहा कि तीन बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। जिसमें जूट बोरियों की अनुपलब्धता थी क्योंकि सभी जूट मिलें बंद थीं। प्लास्टिक बैग के उपयोग के जरिये दूर किया गया। दूसरी समस्या बेमौसम की बरसात के कारण गेहूं फसल को संरक्षित करना था। तीसरी चुनौती, मजदूरों की कमी के साथ साथ वायरस के बारे में जनता के बीच सामान्य भय था।
रिकॉर्ड बनाएंगे :- केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने तीसरे अनुमान में इस बार पूरे देश में गेहूं उत्पादन के 10 करोड़ 71.8 लाख टन के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में 10.36 करोड़ टन गेहूं पैदा हुआ था।