यूपी विधानसभा चुनाव पूर्व लखनऊ को ‘आउटर रिंग रोड’ का तोहफा, किसान पथ’ तैयार लोकार्पण का इंतजार गंभीरता से कर रही विचार :- सतीश चंद्र द्विवेदी केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को घोषणा की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहाकि, यह निर्णय छात्रहित में है। इससे शिक्षक बनने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सहूलियत होगी। अभी हमें केंद्र सरकार के इस फैसले की लिखित रूप में जानकारी नहीं हुई है, लेकिन यह निर्णय सामयिक है। राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से विचार करेगी।
सीटीईटी और यूपीटीईटी का आयोजन :- पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है। केंद्र सरकार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) आयोजित करती है, वही उत्तर प्रदेश सरकार का बेसिक शिक्षा विभाग उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के नाम से आयोजित करता है।
आजीवन मान्य :- शिक्षक पात्रता परीक्षा के नियम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) तय करता रहा है। 29 सिंतबर,2020 को एनसीटीई ने 50वीं आमसभा में टीईटी का प्रमाणपत्र आजीवन वैध करने का प्रस्ताव पारित किया। एनसीटीई की ओर से 13 अक्टूबर को जारी मिनट्स में कहा गया है कि आगे से होने वाली सीटीईटी की वैधता आजीवन रहेगी। ज्ञात हो कि पहले सीटीईटी प्रमाणपत्र सात वर्ष के लिए मान्य करता था। अब वर्ष 2011 से अब तक के सभी प्रमाणपत्रों को आजीवन मान्य किया जा रहा है।