सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मीटिंग में ‘उत्तर प्रदेश में कुछ श्रम कानूनों से अस्थायी छूट का अध्यादेश, 2020’ पारित किया गया। दी गई है। अब इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष भेजा गया है।
वेतन भुगतान की व्यवस्था यथावत रहेगी :- श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि श्रमिकों की समस्या के लिए जिन इकाइयों के कार्यालय बंद पड़े हैं, उन्हें खोलने के लिए यह छूट दी गई है ताकि बाहर से जो प्रवासी श्रमिक प्रदेश में लाए जा रहे हैं उन्हें बड़े पैमाने पर काम मिल सके। श्रमिकों के मूलभूत हितों की रक्षा के लिए श्रम कानूनों में जो उनको संरक्षण प्राप्त है, वह यथावत रहेंगे। जिसमें बंधुआ श्रम तथा उत्पादन अधिनियम, भवन सन्निर्माण अधिनियम, कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम व बच्चों व महिलाओं के नियोजन संबधित श्रम अधिनियम पूरे लागू रहेंगे। वेतन अधिनियम के तहत वेतन भुगतान की व्यवस्था यथावत रहेगी, उसके अतिरिक्त अन्य सुविधाएं उन्हें मिलेंगी।
21 सर्विसेज को ऑनलाइन :- औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि रेड जोन में भी कुछ शर्तों के साथ उद्यम खोलने की अनुमति प्रदान की गई है और तीन दिन के अन्दर इसका रिवाइवल भी देखने को मिला है। उद्यमियों की सुविधा के लिए 21 सर्विसेज को ऑनलाइन किया गया है।
सूबे में नए निवेश के लिए जरूरी :- इस अध्यादेश को पारित करने के बाद योगी सरकार की ओर से कहा गया है कि सूबे में नए निवेश को आमंत्रित करने, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की स्थापना के लिए यह जरूरी था कि राज्य में लागू श्रम कानूनों से कंपनियों को अस्थायी तौर पर कुछ छूट दी जाए। श्रम कानूनों को अगले तीन साल के लिए स्थगित रखने का फैसला लिया गया है। इसके लिए ही इस अध्यादेश को पारित किया गया है।