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आज़ादी के वक्त यूपी की प्रति व्यक्ति की आय सुन आपको होगा गर्व, उत्तर प्रदेश 7वीं आर्थिक जनगणना शुरू

locationलखनऊPublished: Dec 27, 2019 05:02:56 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

पहली बार मोबाइल ऐप का होगा प्रयोग, आएंगे नए आंकड़ेउत्तर प्रदेश में 7वीं आर्थिक जनगणना साढ़े तीन माह में होगी पूरी देश की आर्थिक महाशक्ति बनने की क्षमता रखता है प्रदेश : योगी

Yogi Adityanath

सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ. आर्थिक विकास को स्थायी गति व दिशा देने के लिए उत्तर प्रदेश में 7वीं आर्थिक जनगणना की शुरुआत हो गई है। प्रदेश की सातवीं आर्थिक गणना साढ़े तीन माह में पूरी हो जाएगी। आर्थिक गणना पहली बार मोबाइल ऐप से की जाएगी। इसमें सभी व्यापारियों को शामिल किया जाएगा।
भारत में पहली आर्थिक गणना वर्ष 1977 में हुई थी। उसके बाद दूसरी वर्ष 1980, तीसरी वर्ष 1990, चौथी वर्ष 1998 में और पांचवीं वर्ष 2005 में की गई थी। छठी आर्थिक गणना साल 2013 में पूरी की गई थी। सातवीं आर्थिक गणना का शुभांरभ 26 दिसम्बर 2019 को किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की आज़ादी के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय के बराबर थी लेकिन समय के अनुरूप यूपी की प्रति व्यक्ति आय नेशनल एवरेज से पिछड़ती गई।
वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 50,942 रुपए प्रति व्यक्ति आय है। वर्ष 2016-17 में प्रति व्यक्ति आय का राष्ट्रीय औसत 1,03,870 था। वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1.26 लाख रुपए है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की आर्थिक महाशक्ति बनने की क्षमता रखता है। ओडीओपी योजना की सफलता से यह साबित हो गया है। योगी ने कहा कि हमने दो वर्ष पहले यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे कि सड़कों पर ठेला, खोमचा, रेहड़ी या पटरी व्यवसाइयों का व्यवस्थित रूप से आकलन किया जाए। उद्यमी, व्यवसाई और नौजवानों के लिए ठोस आर्थिक योजनाएं और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए इस आर्थिक जनगणना की बहुत अहम भूमिका होगी।
क्या है आर्थिक गणना :- यह देश की भौगोलिक सीमाओं में कृषि उत्पादन एवं बागवानी को छोड़कर शेष उन सभी उद्यमों व इकाइयों की गणना है जो वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन या वितरण के काम में लगी है।
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया कि पहली बार मोबाइल एप से गणना होगी। सभी व्यापारियों को इसमें शामिल किया जाएगा। करीब साढ़े तीन महीने तक यह प्रक्रिया चलेगी, जिसमें 2.60 लाख कार्मिक लगाए गए हैं। प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव व जिले स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमिटी बनाई गई है।
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