एक अच्छे मानसून के बाद इस साल 2020 में सर्दी के मौसम में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि यह आम धारणा है कि जलवायु में परिवर्तन से तापमान बढ़ता है, लेकिन यह सही नहीं है। जलवायु परिवर्तन से मौसम में बदलाव होता है। महापात्रा ने बताया कि कि कमजोर ला नीना की स्थिति बनते जा रही है, इससे इस साल अत्यधिक सर्दी पड़ सकती है।
ठंड बढ़ता है ला नीना :- महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहाकि मौसम के रुख को तय करने में ला नीना और एल नीनो की बड़ी भूमिका होती है। ला नीना ठंडी हवाओं के अनुकूल होता है, जिसे शीत लहर भी कहते हैं। एल नीनो गर्मी से जुड़ा हुआ है। दोनों कारकों का भारतीय मॉनसून पर गहरा असर पड़ता है।
जानें ला नीना और एल नीनो :- ला नीना और एल नीनो एक समुद्री प्रक्रिया है। ला नीना में समुद्र में पानी ठंडा होता है। वैसे तो समुद्री पानी पहले से ही काफी ठंडा होता है, लेकिन इसकी वजह से ठंडक और बढ़ जाती है। जिसका असर हवाओं पर पड़ता है। जबकि, एल नीनो में इसके विपरीत होता है यानी समुद्र का पानी गरम होता है और उसके प्रभाव से गर्म हवाएं चलती हैं।