पहला रेबीज टीका बनाने वाले फ्रांस के प्रसिद्ध रसायनज्ञ और सूक्ष्म जीव विज्ञानी लुई पाश्चर की पुण्यतिथि 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस के रूप में मनाया जाती है। रेबीज को पूरी दुनिया से खत्म करने के लिए वर्ष 2030 तक का टारगेट रखा गया है। और हर वर्ष कोई न कोई स्लोगन रखा जाता है।
लखनऊ के दुबग्गा में डाक्टर मो. अंसारी ने बताया कि, अगर कुत्ते ने काट लिया हो और दस दिन में कुत्ता मर जाता है तो समझा लेना चाहिए कि कुत्ते को रैबीज था। अगर वो जानवर 10 दिन बाद भी स्वस्थ रहता है, तो माना जाता है कि मरीज को रेबीज का संक्रमण नहीं हुआ है और उसे दी जा रही एंटी रेबीज वैक्सीन बंद कर दी जाती हैं। रेबीज से बचने के लिए सही समय पर प्रिवेन्टिव उपाय जरूरी हैं।
वैसे तो अगर कोई भी जानवर काट लें तो सबसे पहले जख्म को साबुन और नल के बहते पानी से 10-15 मिनट तक लगातार धोएं। फिर जख्म को डिटॉल, आयोडीन एंटीसेप्टिक या आफ्टर शेव से अच्छी तरह साफ कर लें। ऐसा करने से पशु की लार में पाए जाने वाले वायरस की मात्रा कुछ कम हो जाती है। उसके तुरंत बाद मरीज को वैक्सीनेशन जरूर कराना चाहिए। जख्म पर हल्दी, तेल या मिर्च लगाना गलत है।
गोरखपुर जिला अस्पताल में के एसआईसी डॉ. एसी श्रीवास्तव ने बताया कि जिस व्यक्ति को कुत्ता काट ले उसे चार एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया जाता है। एक उस दिन जिस दिन कुत्ते ने काटा, दूसरा काटने के तीसरे दिन, तीसरा सातवें दिन और चौथा 28वें दिन लगवाना चाहिए।