तम्बाकू से होने वाली बीमारियों को देखते हुए इसका सेवन रोकने के लिए सरकार आगे आई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 के तहत ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी सामिग्री बेचने वाले कोटपा एक्ट 2003, खाद्य संरक्षण अधिनियम 2006 और बाल विकास मंत्रालय का किशोर न्याय अधिनियम 2015 का उलंघन न करे। इसमें ये सुनिश्चित किया जाएगा कि विक्रेता तम्बाकू उत्पादों की दुकान पर टॉफ़ी, कैंडी, चिप्स, बिस्किट की बिक्री न करें। नए ड्राफ्ट में कड़े दंड का प्रावधान भी है। यानी सभी तरह के तम्बाकू या तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले व्यापारी और दुकानदार को नगर निगम से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए निगम शुल्क भी लेगा।
लखनऊ हो तम्बाकू मुक्त
इस क्रम में विनोभा सेवा आश्रम भी निगम के साथ कदम मिला कर चल रहा है। संस्था की ओर से लखनऊ को तम्बाकू मुक्त बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत गुरूवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अभियान को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका को अहम बताया गया। सरकारी ऑफिस से लेकर स्कूलों अस्पतालों को तंबाकू फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आश्रम के संस्थापक रमेश भईया जी ने कहा कि तंबाकू पीडियां नष्ट कर रहा है। ज़रूरी है इसे रोका जाए। लखनऊ देश में पहला नगर निगम होगा जो ये आदेश लागू करेगा और देश में इन्ही नियमों को मॉडल के रूप में पालन किया जाएगा।
इस क्रम में विनोभा सेवा आश्रम भी निगम के साथ कदम मिला कर चल रहा है। संस्था की ओर से लखनऊ को तम्बाकू मुक्त बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत गुरूवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अभियान को सफल बनाने में मीडिया की भूमिका को अहम बताया गया। सरकारी ऑफिस से लेकर स्कूलों अस्पतालों को तंबाकू फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। आश्रम के संस्थापक रमेश भईया जी ने कहा कि तंबाकू पीडियां नष्ट कर रहा है। ज़रूरी है इसे रोका जाए। लखनऊ देश में पहला नगर निगम होगा जो ये आदेश लागू करेगा और देश में इन्ही नियमों को मॉडल के रूप में पालन किया जाएगा।
कार्यक्रम के प्रबंधक डॉ ज्ञानेश्वर ने बताया कि प्रदेश में अधिक तम्बाकू इस्तेमाल होता है। 2010 के बाद 2017 में ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वे हुआ जिसमें ये सामने आया कि देश में तंबाकू का सेवन घटा है लेकिन प्रदेश में बढ़ा है। प्रदेश में 52 प्रतिशत लोग तंबाकू के सेवन करते हैं जिसमें 18 प्रतिशत महिलाऐं हैं। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक़ पूरे देश में 28.6 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं जिसमें 35.5 प्रतिशत प्रदेश से हैं।
मौजूदा समय में संयुक्त टीम करती है कार्रवाई
फिलहाल तंबाकू से सम्बंधित गाइडलाइन न मानने वालों पर कार्रवाई करने के लिए एक संयुंक टीम का गठन किया गया है। इसमें मेडिकल टीम के साथ हर टीम को अपना रोल निभाना होगा। इस संयुक्त टीम में स्वास्थ्य और पुलिस विभाग 500 से 5 हज़ार तक का जुर्माना लगा सकता है तो निगम दुकानों को हटाने की भूमिका और एफएसडीए पक्की दुकानों का लाइसेंस निरस्त कर सकता है।
फिलहाल तंबाकू से सम्बंधित गाइडलाइन न मानने वालों पर कार्रवाई करने के लिए एक संयुंक टीम का गठन किया गया है। इसमें मेडिकल टीम के साथ हर टीम को अपना रोल निभाना होगा। इस संयुक्त टीम में स्वास्थ्य और पुलिस विभाग 500 से 5 हज़ार तक का जुर्माना लगा सकता है तो निगम दुकानों को हटाने की भूमिका और एफएसडीए पक्की दुकानों का लाइसेंस निरस्त कर सकता है।
नगर आयुक्त उदयराज सिंह ने बताया कि तंबाकू सेवन गलत है और इसे रोकने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है। कोटपा एक्ट के सख्त पालन के निर्देश दिए गए हैं। ड्राफ्ट तैयार हो जाए उसके बाद इसपर विचार होगा कि लाइसेंस की प्रक्रिया और शुल्क क्या हो।