राजस्व संहिता की धारा में बदलाव :- उत्तर प्रदेश में कोई भूमि व्यक्ति 5.0586 हेक्टेयर से अधिक भूमि नहीं खरीद सकता है। उसके बाद खरीदी जमीन गैरकानूनी हो जाती है। राजस्व संहिता की धारा 89 की उप धारा 2 व 3 में आवश्यक प्रावधान किया गया है। जिसके बाद प्रदेश में कंपनी, पार्टनरशिप फर्म, न्यास, समिति और शैक्षिक संस्था आदि के नाम पर सरकार की बिना अनुमति तय सीमा से अधिक खरीद या प्राप्त की गई भूमि को विनियमित कराया जा सकेगा। बस, सर्किल रेट का 50 फीसद जुर्माना सरकार के राजस्व विभाग में जमा कर दे और भूमि विनियमित हो जाएगी।
यूपी सरकार ने दिया मौका :- प्रदेश में भारी संख्या ऐसे लोग हैं, जिन्होंने नियम कायदों को ताक पर रखकर सीमा से अधिक भूमि खरीदी है या कब्जा की है। पर कानूनी तौर पर ऐसी भूमि के वह मालिक नहीं बन पाते हैं। या फिर गलत सही जानकारी देकर भूमि अपने नाम करा भी लेते है तो हमेशा डरते हैं कि कहीं इसका राज न खुल जाए। ऐसी बहुत सारे भूमि संबंधित प्रकरण कोर्ट कचहरी में लंबित हैं। पर अब जुर्माना देकर जमीन को विनियमित कराने की यूपी सरकार ने मंजूरी दे दी है।
भरेगा खजाना :- यूपी सरकार के इस फैसले राजस्व अफसर खुश हैं। उनका तर्क है कि बिना अनुमति तय सीमा से अधिक खरीदी गई भूमि से सरकार को कोई लाभ नहीं हो रहा है। संबंधित वित्तीय संस्थाएं ढेर सारा लाभ उठा रही हैं। ऐसे में जुर्माना लगाने से सरकार को राजस्व प्राप्त होगा और पहले से उनके कब्जे की जमीन विनिश्मित हो जाएगी और राजस्व वादों में भी कमी आएगी।