scriptये कैसा मदरसा: मदरसे में जंजीरों में कैद था छात्र, भाग निकला तो शरीर पर मिले बेंत के निशान | Madarsa student imprisoned in chains absconded | Patrika News

ये कैसा मदरसा: मदरसे में जंजीरों में कैद था छात्र, भाग निकला तो शरीर पर मिले बेंत के निशान

locationलखनऊPublished: May 28, 2022 12:23:16 pm

Submitted by:

Prashant Mishra

शाहबाज के पिता शेरा ने कहा कि उनके परिवार में कोई भी शिक्षक नहीं है। वह इकलौते बेटे सहवाग को पढ़ाना चाहते हैं। इसलिए मदरसे में दाखिला कराया था। लेकिन शहबाज उनकी बात नहीं सुनता है। रमजान के दौरान वो छुट्टी पर घर आया था। जिसके बाद वह मदरसा वापस नहीं जाना चाहता था। बेटे को उसकी मर्जी के खिलाफ दोबारा से मदरसे में भेजा गया था।

madarsa.jpg
madarsa news. राजधानी लखनऊ में छात्र को पीटने व बेडियों में जकड़ने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर छात्र के बेडियों में कैद होने का वीडियों वायरल होने के बाद लखनऊ का यह मदरसा सवालों के घेरे में है। मदरसे पर बच्चों के साथ जबरदस्ती करने, बेड़ियों में बांधने व पीटने का आरोप लगा है। हालांकि छात्र के परिवारन ने इस संबंध में पुलिस से शिकायत नहीं की है। गोसाईगंज स्थिति जमीयतचउलउलमा मदरसे में छात्रों के पैरों में बेड़ियां डाल कर रखा गया था। शुक्रवार दो छात्र मदरसे से भागकर गांव में पहुंच गए। ग्रामीणों ने बच्चों के पैरों में जंजीर पड़ी देखकर उन्हें रोक लिया। छात्रों ने शिक्षकों पर बेंत से पीटने और पैर में जंजीर बांधकर रखने का आरोप लगाया है। मासूमों से बर्बाता की सूचना ग्रामीणों ने ही पुलिस को दी। कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। गोसाईगंज पुलिस का कहना है कि परिवार वालों ने मदरसे पर कार्यवाही नहीं करने की बात कही है तहरीर मिलते ही केस दर्ज किया जाएगा।
ये है पूरा मामला

गोसाईगंज धनियामऊ निवासी शेरा का बेटा सहबाज गोसाईगंज स्थित मदरसे में पड़ता है। साथ ही बाराबंकी निवासी राजू भी पढ़ाई कर रहा है। दोनों बच्चे शुक्रवार को मदरसे से बाहर भाग आए थे। उनके पैरों में जंजीर बंधी हुई थी जिसमें ताला डाला गया था। सहवाग राजू गांव के पास पहुंच कर रो रहे थे। ग्रामीणों की नजर पड़ी तो पूछताछ पर मदरसे के शिक्षकों पर शहबाज और राजू ने आरोप लगाया था। इंस्पेक्टर गोसाईगंज शैलेंद्र के मुताबिक सहबाज के पिता शेरा को सूचना दी गई थी और वो थाने आए थे शेरा ने पुलिस को बताया कि सहवाग पढ़ाई नहीं करता। पहले भी दो बार मदरसे से भाग चुका है। इसलिए उन्होंने शिक्षक को सख्ती बरतने को कहा था। इस्पेक्टर के अनुसार शैरा ने कार्यवाही नहीं करने की बात कही है। ‌
हम नहीं पढ़ सके बच्चे को पढ़ाना चाहते हैं

शाहबाज के पिता शेरा ने कहा कि उनके परिवार में कोई भी शिक्षक नहीं है। वह इकलौते बेटे सहवाग को पढ़ाना चाहते हैं। इसलिए मदरसे में दाखिला कराया था। लेकिन शहबाज उनकी बात नहीं सुनता है। रमजान के दौरान वो छुट्टी पर घर आया था। जिसके बाद वह मदरसा वापस नहीं जाना चाहता था। बेटे को उसकी मर्जी के खिलाफ दोबारा से मदरसे में भेजा गया था।
ये भी पढ़ें: घर बनाना हुआ आसान, भवन सामग्री की कम कीमत व सरकार की सब्सिडी की मदद से बनाएं सस्ता आशियाना

शरीर की चोट बयां कर रही थी बर्बरता का सच

शहबाज व राजू के हाथ और पैर में कई जगह वेंत से पीटने के निशान थे। ग्रामीणों के सामने छात्रों ने शिक्षकों पर आरोप लगाए थे उनका दांवा था कि पढ़ने के लिए दबाव डाला जाता है। पाठ याद नहीं करने पर शिक्षक पीटते हैं जिससे शरीर पर यह निशान बने। छात्रों की बात सुनकर ग्रामीण भी आश्चर्य रह गए थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो