ये है पूरा मामला गोसाईगंज धनियामऊ निवासी शेरा का बेटा सहबाज गोसाईगंज स्थित मदरसे में पड़ता है। साथ ही बाराबंकी निवासी राजू भी पढ़ाई कर रहा है। दोनों बच्चे शुक्रवार को मदरसे से बाहर भाग आए थे। उनके पैरों में जंजीर बंधी हुई थी जिसमें ताला डाला गया था। सहवाग राजू गांव के पास पहुंच कर रो रहे थे। ग्रामीणों की नजर पड़ी तो पूछताछ पर मदरसे के शिक्षकों पर शहबाज और राजू ने आरोप लगाया था। इंस्पेक्टर गोसाईगंज शैलेंद्र के मुताबिक सहबाज के पिता शेरा को सूचना दी गई थी और वो थाने आए थे शेरा ने पुलिस को बताया कि सहवाग पढ़ाई नहीं करता। पहले भी दो बार मदरसे से भाग चुका है। इसलिए उन्होंने शिक्षक को सख्ती बरतने को कहा था। इस्पेक्टर के अनुसार शैरा ने कार्यवाही नहीं करने की बात कही है।
हम नहीं पढ़ सके बच्चे को पढ़ाना चाहते हैं शाहबाज के पिता शेरा ने कहा कि उनके परिवार में कोई भी शिक्षक नहीं है। वह इकलौते बेटे सहवाग को पढ़ाना चाहते हैं। इसलिए मदरसे में दाखिला कराया था। लेकिन शहबाज उनकी बात नहीं सुनता है। रमजान के दौरान वो छुट्टी पर घर आया था। जिसके बाद वह मदरसा वापस नहीं जाना चाहता था। बेटे को उसकी मर्जी के खिलाफ दोबारा से मदरसे में भेजा गया था।
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घर बनाना हुआ आसान, भवन सामग्री की कम कीमत व सरकार की सब्सिडी की मदद से बनाएं सस्ता आशियाना शरीर की चोट बयां कर रही थी बर्बरता का सच शहबाज व राजू के हाथ और पैर में कई जगह वेंत से पीटने के निशान थे। ग्रामीणों के सामने छात्रों ने शिक्षकों पर आरोप लगाए थे उनका दांवा था कि पढ़ने के लिए दबाव डाला जाता है। पाठ याद नहीं करने पर शिक्षक पीटते हैं जिससे शरीर पर यह निशान बने। छात्रों की बात सुनकर ग्रामीण भी आश्चर्य रह गए थे।