नागा साधु वेशधर सेवादार बृजेश ने भगवान शंकर की भस्म महाआरती की इस भस्म आरती के तुरंत बाद मठ-मंदिर की महंत देव्यागिरि महाशिवरात्रि की प्रथम प्रातः कालीन मुख्य महाआरती ढोल, ताशा, नागफनी, चिमटा, डमरू, शंख व नगाड़े आदि के धुन पर की, इस अवसर पर उपस्थित सेवादारों ने सफ़ेद धोती एवं त्रिपुण्ड टीके में अद्भुत छटा बिखेरी। आरती के तरुंत बाद ही मंदिर के कपाट भक्तगणों के दर्शन के लिए खोल दिए गए।
वितरित किया गया 51 लीटर गंगाजल।
वसंत व फागुन थीम पर हुई मंदिर की साज-सज्जा।
भीड़ ने थोड़ा पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड।
महशिवरात्रि पर दर्शन करने वाले भक्तो की भीड़ ने इस बार पिछले कई वर्षो का रिकॉर्ड थोड़ दिया मुख्य द्वार से आरम्भ हुई पुरुष एवं महिलाओं की पंक्ति सुबह ८ बाजे तक डालीगंज स्थित मनकामेश्वर चौराहे तक पहुंच गई थी।
जिससे गर्भ ग्रह मे होने वाली समस्त धर्मिक अनुष्ठानों का दर्शन सुचारु रूप से किया।