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International Women Day Special 2021: मनकामेश्वर मठ-मंदिर में देवी स्वरूपों ने दिये मंगल दर्शन

locationलखनऊPublished: Mar 07, 2021 06:57:43 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

महिला दिवस पर उन्होंने महिलाओं का आदर करने का संदेश दिया, मनकामेश्वर मठ-मंदिर में देवी स्वरूपों ने दिये मंगल दर्शन

International Women Day Special 2021: मनकामेश्वर मठ-मंदिर में देवी स्वरूपों ने दिये मंगल दर्शन

International Women Day Special 2021: मनकामेश्वर मठ-मंदिर में देवी स्वरूपों ने दिये मंगल दर्शन

लखनऊ। महिला दिवस के अवसर पर डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की महंत दिव्या गिरी महाराज का सम्मान मंदिर के सेवादारों ने रविवार को किया। इस अवसर पर भक्तों ने विभिन्न देवियों की झांकी भी पेश की। इसमें किसी बच्चे ने माता पार्वती का रूप में दर्शन दिये तो किसी ने माता सरस्वती के रूप में आशीर्वाद दिये। रविवार को सुबह की आरती के बाद मंदिर में प्रतिष्ठित देवियों का अभिषेक, श्रंगार और पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर महंत दिव्यागिरि को श्रीफल, अंगवस्त्र और आध्यात्मिक पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया। महंत देव्यागिरि ने कहा कि इस दुनिया में जीवन के लिए विवेक माता सरस्वती देती है वहीं सासांरिक दायित्वों को निभाने के लिए धन माता लक्ष्मी प्रदान करती हैं वहीं दुष्टों का अंत करने के लिए भी नारी शक्ति मां काली और दुर्गा के रूप में उपस्थित हो जाती है।
स्कंदमाता के रूप में वह भक्तों का शिशुओं के रूप में लालन-पालन करती है वहीं माता संकटा समस्त संकटों को हरने वाली हैं। माता शीतला भयंकर रोगों पर अंकुश रखती हैं। यही नहीं सनातन धर्म में धरती माता, गंगा माता, तुलसी माता तक का पूजन किया जाता है। ऐसे में मिशन शक्ति के तहत जरूरी है कि समाज के संतुलन के लिए महिलाओं को पूरा सम्मान दिया जाए। महिला दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने जानकारी दी कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस साल के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” 2021 की थीम महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना है। महिला दिवस की तारीख को साल 1921 में अंतिम रूप से 8 मार्च कर दिया गया। तब से महिला दिवस पूरी दुनिया में 8 मार्च को ही मनाया जाता है। सबसे पहले अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर यह दिवस सबसे पहले 28 फरवरी 1909 को मनाया गया था।
उसके बाद फरवरी के आखिरी इतवार के दिन मनाया जाने लगा। 1910 में में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। उस समय इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था दरअसल उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था। 1917 में में रूस की महिलाओं ने, रोटी और कपड़े के लिये ऐतिहासिक हड़ताल की थी। उसके परिणाम के स्वरूप ज़ार को सत्ता छोड़नी पड़ी और अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने अधिकार दिया था। वर्तमान में पूरी दुनिया ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस ही 8 मार्च को महिला दिवस मनाती है।
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