कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें : सीएम योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 47 दिवसीय माघ मेले के लिए प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं से कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है। राज्य सरकार ने मेले में भक्तों की संख्या को सीमित नहीं किया है, लेकिन 48 घंटे से अधिक पुरानी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया गया है।
मेला क्षेत्र में पहले ही 12 जनवरी की रात तक 39 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 37 पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं।
आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं 51 लोगों को हटाया प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), डॉ नानक सरन ने कहा, किसी व्यक्ति को कोविड -19 वायरस से मुक्त घोषित करने वाले नई आरटी-पीसीआर रिपोर्ट तीर्थयात्रियों, साधु और संतों के साथ-साथ पर्यटकों सहित सभी के लिए जरूरी हैं। हमने मेला क्षेत्र से 51 लोगों को हटा दिया है, जिनके पास आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं थी।
जांच के बाद ही प्रतिनियुक्ति माघ मेला अधिकारी शेषमणि पांडे ने कहा, महामारी और इसके लिए आवश्यक सावधानियों को देखते हुए, हमने मेले के लिए पर्याप्त संख्या में नमूना केंद्रों और एम्बुलेंस की उचित व्यवस्था की है। मेले में प्रत्येक सरकारी कर्मचारी की उचित जांच के बाद ही प्रतिनियुक्ति की जा रही है। शेषमणि पांडे ने आगे कहा, भक्तों के लिए, हमने संगम के पास नागवासुकी से किला घाट तक फैले 10 प्रमुख घाटों का भी निर्माण किया है ताकि भक्तों को एक स्थान पर भीड़भाड़ से बचाया जा सके।
होर्डिंग से प्रचार माघ मेला व्यवस्थाओं के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी जय किशन ने कहा, “हमने कई जगहों पर होडिर्ंग लगाए हैं, जिसमें मास्क जैसी सावधानियों को उजागर किया गया है। हमारी स्क्रीनिंग टीम मौजूद है। मेला में आने वाले सभी लोगों को टीकाकरण प्रमाण पत्र या आरटी- पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। आयोजन स्थल पर भी टेस्ट के प्रावधान हैं।
अपने चेहरे को ‘गमछा’ से ढक लिया इस बीच, गुरुवार को जैसे ही मेला बस्ती में भक्तों का आगमन शुरू हुआ, कुछ लोग मास्क पहने देखे गए। उनमें से अधिकांश ने पुलिसकर्मियों को देखते ही अपने चेहरे को ‘गमछा’ से ढक लिया और फिर उसे हटा दिया। उत्तर प्रदेश ने 1 जनवरी से नए मामलों में भारी उछाल दर्ज किया है और माघ मेले में कोविड की तीसरी लहर के बीच एक सुपर-स्प्रेडर की संभावना है, क्योंकि देश के सभी हिस्सों से भक्त यहां आते हैं।
मकर संक्रांति स्नान की गाइडलाइन 1. कोविड के लक्षण दिखने पर तत्काल जांच के निर्देश। 2. वे जिले जहां पर मकर संक्रांति का स्नान होना है व मेला लगना है, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करते हुए यदि कोई व्यक्ति सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार आदि के लक्षण से ग्रसित है तो उससे मेला व स्नान में हिस्सा नहीं लेने का अनुरोध किया जाएगा।
3. ऐसे लोगों का तत्काल आरटीपीसीआर, टूनाट और एंटीजन टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए हैं। 4. मेला व स्नान वाले स्थलों पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मय डाक्टर उपस्थित रहेगी, ताकि लोगों को चिकित्सीय सुविधा दी जा सके।
5. बीमार, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं न जाएं इसके लिए अनुरोध करने का है निर्देश मेले व स्नान वाले स्थलों पर जिला प्रशासन, नगर विकास, पंचायती राज, ग्राम्य विकास और स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए साफ सफाई व सेनिटाइजेशन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
6. गृह गोपन से जारी शासनादेश के मुताबिक विभिन्न बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं, बच्चे और ऐसे व्यक्ति जिनमें कोविड के लक्षण जैसे खांसी, जुखाम, बुखार आदि है, को मेला व स्नान वाली जगह पर नहीं जाने का अनुरोध करने को कहा गया है।
7. स्नान व मेले वाले स्थलों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को कोविड के संबंध में जागरूक करने, आम लोगों को मास्क लगाने, भीड़ नहीं लगाने तथा कोविड गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं।