तीन वर्ष का कार्यकाल इसके अलावा जन सेवा केंद्र के संचालक को देय शुल्क बढ़ाकर 20 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है। केंद्र के संचालक को प्रति ट्रांजेशन अब 4 रुपये की जगह 11 रुपये मिलेंगे। इससे इनकी भी आय बढ़ जाएगी। इन केंद्रों का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। डिस्ट्रिक्ट गवर्नस सोसाइटी (टीईजीएस) एवं डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर (डी.एसपी) संस्थाओं की आपसी सहमति से इसे दो वर्ष तक और बढ़ाया जा सकेगा।
10 हजार की आबादी पर एक जनसेवा केंद्र आपको बता दें कि प्रदेश की तकरीबन हर ग्राम पंचायत या 10 हजार की आबादी पर एक जनसेवा केंद्र हैं। यह केन्द्र स्थानीय स्तर पर रोजी-रोजगार के साथ लोगों को शासन की योजनाओं के प्रति जागरूक करने का जरिया बन चुकी हैं। इनके जरिए शासन के 35 विभागों की 258 शासकीय सेवाएं लोगों को उपलब्ध हो रहीं हैं। निजी रूप से कोई भी व्यक्ति ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से अपने इंटरनेट के माध्यम से भी इन सेवाओं को ले सकता है।
लोगों तक पहुंचेंगी सरकारी योजनाएं वहीं सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ दिनेश त्यागी के मुताबिक देशभर में सीएससी की संख्या 4 लाख है। ये केंद्र छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में कई सरकारी और दूसरी सेवाएं देने में लोगों की मदद करते हैं। हमारी योजना हरेक सीएससी में 5 डिजिटल कैडेट की नियुक्ति करने की है। ये कैडेट लोगों को उनके घर के दरवाजे पर सभी सेवाएं देंगे। इसके अलावा ये ग्रामीण ई-स्टोर और किसान ई-मार्ट के लिए डिलिवरी एजेंट के रूप में काम करेंगे और सीएससी को सरकार और अन्य एजेंसियों के लिए विभिन्न सर्वे करने में मदद करेंगे।