कानपुर के बिधूना के शहीद राहुल की बहन नंदनी ने सवाल उठाया है कि इतनी चेकिंग के बावजूद भी विकास दुबे उज्जैन तक कैसे पहुंचा। बुधवार तक तो कहा जा रहा था वह फरीदाबाद में है। जब बॉर्डर सील है तो उज्जैन कैसे पहुंचा। कहीं पुलिस तो उसकी मदद नही कर रही। वर्दी में छिपे ‘भेदिये’ विनय तिवारी ने अपने सहयोगियों के साथ गद्दारी की। जिस तरह से विकास की अंत तक मदद हो रही है उससे मैं संतुष्ट नही हूं। उन्होंने कहा कि विकास को ऑन स्पॉट सूट किया जाए और पुलिस विभाग के गद्दारों को सजा मिले। जबकि मथुरा के शहीद जितेंद्र के पिता ने कहा कि वह वहां तक पहुंचा कैसे! उसने उज्जैन में अपने नाम से पर्ची कटवाई है दूसरा सवाल यह है कि ‘भेदिया’ विनय तिवारी लगातार चार्ज में क्यों रहा। उन्होंने कहा, ‘विकास दुबे से पहले मैं पुलिसफोर्स के उन भेदियों पर कार्रवाई की मांग करता हूं जो इस गैंगस्टर की मदद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर किसी को जमातन मिल जाएगी और सब कुछ फिर पहले जैसा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दुबे ने बहुत चतुराई से अपने आप को बचा लिया है। जितेंद्र के पिता का नाम तीरथ पाल है और वे मथुरा में रहते हैं।
प्रतापगढ़ के शहीद सब-इंस्पेक्टर अनूप सिंह के पिता रमेश बहादुर ने यूपी पुलिस और सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी की पुलिस विकास दुबे को क्यों नहीं गिरफ्तार कर पाई? सीमा सील होने के बाद भी वह मध्य प्रदेश कैसे पहुंच गया? पुलिस अपराधियों से मिली हुई है उत्तर प्रदेश की पुलिस पूरी तरह से फेल हो गयी। अपराधी विकास दुबे को राजनीतिक संरक्षण मिला है।
शहीद के भाई की मांग- जिंदा जलाया जाये विकास
कानपुर शूटआउट में शहीद हुए आगरा के सिपाही बबलू के भाई ने कहा कि विकास यादव को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उसे मौत की सजा मिले, जिसमें उसे जिंदा जला दिया जाये। शहीद के भाई ने मांग की है कि विकास को आग लगाकर मौत की सजा दी जाए।