(Shardiya Navratri 2021) 35 किलोमीटर की दुरी तय करके पहुंचते हैं भक्त पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित मां चन्द्रिका देवी तीर्थ धाम की महिमा ही बहुत ही न्यारी है। गोमती नदी के पास स्थित महीसागर संगम तीर्थ के तट पर एक पुरातन नीम के वृक्ष के कोटर में नौ दुर्गाओं के साथ उनकी वेदियां चिरकाल से सुरक्षित रखी हुई हैं।(Shardiya Navratri 2021) यहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए मंदिर परिषर में पुलिस बल तैनात किये गए हैं। (Shardiya Navratri 2021) नवरात्र में 9 दिनों तक भक्तो की बहुत अच्छी भीड़ लगी रहती है।
(Shardiya Navratri 2021) अमावस्या पर लगता है खूबसूरत मेला उन्होंने बतायाकि मां चन्द्रिका देवी का भव्य ऊंचे चबूतरे पर मंदिर बना हुआ है। यहां पूजा-अर्चना के साथ देवी भक्तों के लिए हर महीने अमावस्या को मेला लगता हैं। लेकिन कोरोना माहवारी की वजह से यह मेला सही ढंग से नहीं लग पा रहा हैं। लेकिन (Shardiya Navratri 2021) इसकी परम्परा आज भी जारी है। (Shardiya Navratri 2021) भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मां के दरबार में आकर मन्नत माँगते हैं। और चुनरी की गांठ बांधते हैं। (Shardiya Navratri 2021) मनोकामना पूरी होने पर मां को चुनरी,प्रसाद चढ़ाकर मंदिर परिसर में घंटा बांधते हैं।
(Shardiya Navratri 2021) संगम तीर्थ में जल सीधा संबंध पाताल से है। कहाकि स्कन्द पुराण के अनुसार द्वापर युग में घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक ने मां चन्द्रिका देवी धाम स्थित महीसागर संगम में तप किया था। (Shardiya Navratri 2021) चन्द्रिका देवी धाम की तीन दिशाओं उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में गोमती नदी की जलधारा प्रवाहित होती है तथा पूर्व दिशा में महीसागर संगम तीर्थ स्थित है। जनश्रुति है कि महीसागर संगम तीर्थ में कभी भी जल का अभाव नहीं होता और इसका सीधा संबंध पाताल से है।