लखनऊ

Shardiya Navratri 2021 : नवरात्र का पहला दिन 35 किलोमीटर की दुरी तय करके पहुंचते हैं भक्त,पूरी होती हैं सभी कामना

(Shardiya Navratri 2021) कोई भी दरबार से खाली नहीं जाता,माता जल्द हो जाती हैं खुश
 

लखनऊOct 07, 2021 / 02:30 pm

Ritesh Singh

Shardiya Navratri 2021 : नवरात्र का पहला दिन 35 किलोमीटर की दुरी तय करके पहुंचते हैं भक्त,पूरी होती हैं सभी कामना

लखनऊ , (Shardiya Navratri 2021) पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि अश्विन मास प्रतिपदा से नवमी तक इस बार नवरात्र 8 दिनों के हैं। (Shardiya Navratri 2021) क्योंकि इस बार तृतीया व चतुर्थी एक ही दिन 9 अक्टूबर को पड़ रहीं है। इसलिए माँ चन्द्रघंटा व कूष्मांडा का पूजन एक ही दिन किया जायेगा। (Shardiya Navratri 2021) उन्होंने कहाकि इस बार मां भवानी डोली पर सवार होकर आयी हैं। कहाकि इस नवरात्रे महिला शक्ति का बोलबाला रहेगा। नवरात्र का शुभारंभ चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग में हुआ हैं।
(Shardiya Navratri 2021) 35 किलोमीटर की दुरी तय करके पहुंचते हैं भक्त

पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित मां चन्द्रिका देवी तीर्थ धाम की महिमा ही बहुत ही न्यारी है। गोमती नदी के पास स्थित महीसागर संगम तीर्थ के तट पर एक पुरातन नीम के वृक्ष के कोटर में नौ दुर्गाओं के साथ उनकी वेदियां चिरकाल से सुरक्षित रखी हुई हैं।(Shardiya Navratri 2021) यहां हर दिन हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए मंदिर परिषर में पुलिस बल तैनात किये गए हैं। (Shardiya Navratri 2021) नवरात्र में 9 दिनों तक भक्तो की बहुत अच्छी भीड़ लगी रहती है।
(Shardiya Navratri 2021) अमावस्या पर लगता है खूबसूरत मेला

उन्होंने बतायाकि मां चन्द्रिका देवी का भव्य ऊंचे चबूतरे पर मंदिर बना हुआ है। यहां पूजा-अर्चना के साथ देवी भक्तों के लिए हर महीने अमावस्या को मेला लगता हैं। लेकिन कोरोना माहवारी की वजह से यह मेला सही ढंग से नहीं लग पा रहा हैं। लेकिन (Shardiya Navratri 2021) इसकी परम्परा आज भी जारी है। (Shardiya Navratri 2021) भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मां के दरबार में आकर मन्नत माँगते हैं। और चुनरी की गांठ बांधते हैं। (Shardiya Navratri 2021) मनोकामना पूरी होने पर मां को चुनरी,प्रसाद चढ़ाकर मंदिर परिसर में घंटा बांधते हैं।
(Shardiya Navratri 2021) संगम तीर्थ में जल सीधा संबंध पाताल से है।

कहाकि स्कन्द पुराण के अनुसार द्वापर युग में घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक ने मां चन्द्रिका देवी धाम स्थित महीसागर संगम में तप किया था। (Shardiya Navratri 2021) चन्द्रिका देवी धाम की तीन दिशाओं उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में गोमती नदी की जलधारा प्रवाहित होती है तथा पूर्व दिशा में महीसागर संगम तीर्थ स्थित है। जनश्रुति है कि महीसागर संगम तीर्थ में कभी भी जल का अभाव नहीं होता और इसका सीधा संबंध पाताल से है।

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