मायावती के मना करने के बाद भी पहुंचे थे विधानसभा मायावती (Mayawati) ने कहा था कि गांधी जी की 150वीं जयंती (Gandhi Janati) पर यूपी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का मकसद भाजपा द्वारा अपनी सरकार की विफलताओं पर पर्दा डालना है। उन्होंने इसीलिए अपने विधायकों को बाढ़ पीड़ितों की सहायता के जनहित के काम में लगाया है। इसके बाद भी भिनगा श्रावस्ती के विधायक असलम रायनी (Aslam Raini) और विधान परिषद सदस्य ब्रजेश सिंह प्रिंसू (Brajesh Singh Prinshu) विशेष सत्र में पहुंचे। कांग्रेस ने विशेष सत्र में जाने वाली अदिति सिंह (Congress MLA Aditi Singh) को नोटिस देते हुए जवाब तलब किया है।
मायावती के फैसले का इंतजार बसपा प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली (BSP State President Munkad Ali) के मुताबिक दोनों विधायकों के बारे में पूरी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष को दे दी गई है। उनके निर्देश के आधार पर कुछ भी किया जाएगा। बसपा इसके पहले राज्यसभा चुनाव में क्रास वोटिंग करने वाले विधायक अनिल सिंह और भाजपा के कार्यक्रम में जाने वाले रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) पर कार्रवाई कर चुकी है।
खोला था मायावती के खिलाफ मोर्चा दरअसल श्रावस्ती (Shravasti) के भिनगा से बसपा विधायक मोहम्मद असलम राइनी (Mohammad Aslam Raini) नेविधानसभा के विशेष सत्र में पहुंचकर न केवल चौंका दिया बल्कि बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP MLA Mayawati) के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया। राइनी ने प्रदेश सरकार के कामकाज के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की शान में जमकर कसीदे पढ़े थे, तो भाजपा संगठन को मजबूत बनाने के लिए महामंत्री संगठन सुनील बंसल (Sunil Bansal) की तारीफ कर नई सुगबुगाहट को जन्म दे दिया। राइनी ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं की तारीफ की। राइनी ने कहा था कि 2002 में बसपा से चुनाव लड़ा था, उस समय लोग बसपा संगठन की तारीफ करते थे। लेकिन बसपा अब भटक गई है, गलत नीतियों के कारण अब पार्टी पिछड़ गई है। बसपा में जोनल इंचार्ज ही सब कुछ है, कार्यकर्ता संगठन से दूर हो गए हैं। बसपा में विधायकों की कोई कीमत नहीं है, कहा कि हमारी नेता समझती नहीं है कि पार्टी के केवल 18 विधायक हैं, उनकी राय भी ली जाए। राइनी ने कहा कि मैं सुनील बंसल को नहीं जानता हूं, लेकिन उन्होंने एक-एक बूथ पर भाजपा के कार्यकर्ता को शिक्षा दी है, इससे भाजपा बहुत आगे निकल गई है।