बैठक के दौरान मायावती ने कहा कि देश की ताजा राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा करना और सरकार की कथनी व करनी में जमीन-आसमान का अन्तर जनहित के लिए आंकलन करना काफी खतरनाक हो गया है। भाजपा सरकार आंकलन करने वालों को पता नहीं किस जुर्म में बंद करा दें। उन्होंने कहा कि अपरिपक्व तरीके से नोटबन्दी व जीएसटी देश पर थोपने का ही दुष्परिणाम है कि देश में आर्थिक मन्दी व जर्बदस्त बेरोजगारी हुई है। मायावती ने आज पार्टी की आल-इण्डिया की बैठक (उत्तर प्रदेश को छोड़कर) में पार्टी संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के सम्बन्ध में जारी कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की और इस सम्बन्ध में आगे की तैयारियों के लिए जरुरी दिशा-निर्देंश दिये।
बसपा के प्रदेश दफ्तर 12 माल एवेन्यू में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न प्रदेशों व देश की ताजा राजनीतिक स्थिति की भी समीक्षा की गई तथा आगे की चुनौतियों का सही ढंग से सामना करने के लिए पार्टी संगठन को हर प्रकार से चुस्त व दुरुस्त करने की हिदायत दी गई। महाराष्ट्र प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रमों के साथ-साथ झारखण्ड विधानसभा के चुनाव तथा शीघ्र ही होने वाले दिल्ली विधानसभा आमचुनाव के सम्बन्ध में भी विशेष चर्चा की गई।
इस बैठक को सम्बोधित करते हुये मायावती ने कहा कि अम्बेडकर की 6 दिसम्बर को होने वाले पुण्यतिथि के कार्यक्रम संगोष्ठी के रुप में इस वर्ष भी आयोजित किये जायेंगे। जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी जरुरी है। इन संगोष्ठियों में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों को रेखांकित करने के साथ-साथ बहुजन समाज के हाथों में सत्ता की मास्टर चांभी प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा किये गये उनके प्रयासों व अनवरत संघर्षों का वर्तमान समय में महत्व आदि के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने की जरुरत है, क्योंकि वर्तमान राजनीतिक वातावरण में खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग व अल्पसंख्यक समाज के करोड़ों लोगों को उनके बुनियादी कानूनी व संवैधानिक हकों से वंचित रखने का हर प्रकार का षडयंत्र किया जा रहा है जो अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है।
बसपा के प्रदेश दफ्तर 12 माल एवेन्यू में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न प्रदेशों व देश की ताजा राजनीतिक स्थिति की भी समीक्षा की गई तथा आगे की चुनौतियों का सही ढंग से सामना करने के लिए पार्टी संगठन को हर प्रकार से चुस्त व दुरुस्त करने की हिदायत दी गई। महाराष्ट्र प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रमों के साथ-साथ झारखण्ड विधानसभा के चुनाव तथा शीघ्र ही होने वाले दिल्ली विधानसभा आमचुनाव के सम्बन्ध में भी विशेष चर्चा की गई।
इस बैठक को सम्बोधित करते हुये मायावती ने कहा कि अम्बेडकर की 6 दिसम्बर को होने वाले पुण्यतिथि के कार्यक्रम संगोष्ठी के रुप में इस वर्ष भी आयोजित किये जायेंगे। जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी जरुरी है। इन संगोष्ठियों में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन संघर्षों को रेखांकित करने के साथ-साथ बहुजन समाज के हाथों में सत्ता की मास्टर चांभी प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा किये गये उनके प्रयासों व अनवरत संघर्षों का वर्तमान समय में महत्व आदि के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक करने की जरुरत है, क्योंकि वर्तमान राजनीतिक वातावरण में खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग व अल्पसंख्यक समाज के करोड़ों लोगों को उनके बुनियादी कानूनी व संवैधानिक हकों से वंचित रखने का हर प्रकार का षडयंत्र किया जा रहा है जो अति-दु:खद व दुर्भाग्यपूर्ण है।
मायावती ने आगे कहा कि यू.पी. में खासकर लखनऊ मण्डल के लोग पूर्व की भाँति अपना श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के तट पर बी.एस.पी. सरकार द्वारा निर्मित भव्य व ऐतिहासिक अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में ही आयोजित करेंगे जबकि यू.पी. के अन्य लोग सेक्टर स्तर पर भव्य संगोष्ठी के माध्यम में श्रद्धा-सुमन कार्यक्रम करेंगे और बाबा साहेब को नमन करेंगे व श्रद्धांजलि देंगे। इस कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर सफल बनाने की अपील की गई। इसके अलावा, दिनाँक 15 जनवरी को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बी.एस.पी. मूवमेन्ट की महानायिका व बहुजन समाज के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान की प्रतीक बहन मायावती का जन्मदिन भी ज्ज्जनकल्याणकारी दिवसज्ज् के रूप में मनाया जाएगा।