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Akhilesh Yadav और शिवपाल यादव को हराने के लिए मायावती के प्लान B का खुलासा

locationलखनऊPublished: Jan 28, 2022 03:06:05 pm

Submitted by:

Dinesh Mishra

UP Assembly Elections 2022 में Akhilesh Yadav के करहल विधानसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा पर मायावती ने नया पैंतरा अपनाया है। जिसके बाद ये चुनाव अब और रोचक हो गया है।

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UP Assembly Elections 2022 का मुक़ाबला अब और रोचक होता जा रहा है। जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा – प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ दलित उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। बसपा के कुलदीप नारायण मैनपुरी में करहल सीट से सपा अध्यक्ष के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, जबकि ब्रजेंद्र प्रताप सिंह इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से पीएसपीएल प्रमुख के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
करहल जसवंत नगर विधानसभा सामान्य सीट

करहल और जसवंतनगर दोनों ही अनारक्षित सीटें हैं और इसे समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। सपा 1993 से करहल और जसवंतनगर सीट जीत रही है। बसपा के एक नेता ने कहा कि नारायण और सिंह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। दोनों जाटव समुदाय से हैं और जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, मैनपुरी और इटावा में पार्टी के जनाधार को मजबूत कर रहे हैं।
करहल सीट पर सपा का वर्चस्व खत्म करना चाहती हैं मायावती

मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट पर 1989 से ही समाजवादी दबदबा रहा है. जिसे इस बार भी अखिलेश यादव चुनाव लड़कर बनाए रखना चाहते हैं। जबकि साल 2002 के विधानसभा चुनाव में करहल सीट से बीजेपी के टिकट पर सोवरन सिंह को जीत मिली थी। जो बाद में सपा में शामिल हो गए थे. भाजपा के यहाँ से जीतने के बाद बसपा ने भी इस बार ऐसा ही कार्ड खेलकर अखिलेश यादव को हराने का प्रयास करने में लगी हुई हैं। उनका यहाँ से सवर्ण न उतारना भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
7 बार जीत चुकी है सपा

करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) का सात बार कब्जा रहा है. इस विधासभा सीट से 1985 में दलित मजदूर किसान पार्टी के बाबूराम यादव, 1989 और 1991 में समाजवादी जनता पार्टी (सजपा) और 1993, 1996 में सपा के टिकट पर बाबूराम यादव विधायक निर्वाचित हुए. 2000 के उपचुनाव में सपा के अनिल यादव, 2002 में बीजेपी और 2007, 2012 और 2017 में सपा के टिकट पर सोवरन सिंह यादव विधायक चुने गए.
जातियों में सबसे ज्यादा ठाकुर शक्य ब्राह्मण फिर एससी एसटी

करहल विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता हैं. अनुमान के मुताबिक इस विधानसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की बहुलता है. शाक्य, ठाकुर, ब्राह्मण, लोधी और एससी मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं. करहल विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने के लिए कि विधानसभा चुनाव में प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं को वरीयता दी जाएगी, राजनीतिक दिग्गजों के खिलाफ कुलदीप नारायण और ब्रजेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतारने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि बसपा को ऐसे समय में युवा पार्टी कैडर को लामबंद करने की उम्मीद है जब ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।

मायावती ने गुरुवार को यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए पार्टी के 53 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जहां 11 जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में 20 फरवरी को मतदान होगा। 11 जिलों में – मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, कासगंज, कन्नौज, फरुर्खाबाद और औरैया – को समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है।

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