बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आजमगढ़ व मिर्जापुर में दिए गए भाषण को चुनावी जुगाड़ों वाला भ्रामक भाषण बताते हुये कहा कि खासकर कर्नाटक में साम, दाम, दण्ड, भेद आदि सभी प्रकार के हथकण्डे अपनाने के बावजूद वहाँ सरकार नहीं बनाने के कारण बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व कुण्ठा व हताशा से ग्रसित प्रतीत होता है और आगे की अपनी जातिवादी, साम्प्रदायिक व ओछी चुनावी राजनीति के लिये मैदान तैयार करने के क्रम में देश को जातिवादी व साम्प्रदायिक तनाव व हिंसा की आग में झोंकने का प्रयास सरकारी संरक्षण में लगातार कर रहा है।
असली समस्या महंगाई और गरीबी
बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों पर देश की असली समस्या जैसे महँगाई, गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी, किसानों की आत्महत्या व पलायन आदि की घोर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी की संकीर्ण, नकारात्मक व विभाजनकारी राजनीति अब काम आने वाली नहीं है। लोगों ने अब संगठित होकर इन्हें विफल करने का प्रयास शुरु कर दिया है जिसका परिणाम अब हर जगह देखने को भी मिल रहा है। घृणा, नफरत, विभाजन व तोडऩे की राजनीति कभी भी टिकाऊ नहीं हो सकती है।
असली समस्या महंगाई और गरीबी
बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों पर देश की असली समस्या जैसे महँगाई, गरीबी, बेरोजगारी, भूखमरी, किसानों की आत्महत्या व पलायन आदि की घोर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी की संकीर्ण, नकारात्मक व विभाजनकारी राजनीति अब काम आने वाली नहीं है। लोगों ने अब संगठित होकर इन्हें विफल करने का प्रयास शुरु कर दिया है जिसका परिणाम अब हर जगह देखने को भी मिल रहा है। घृणा, नफरत, विभाजन व तोडऩे की राजनीति कभी भी टिकाऊ नहीं हो सकती है।
कहा कि संसद का मानसून सत्र आने वाला है जहाँ नरेन्द्र मोदी सरकार को ‘‘अविश्वास प्रस्ताव‘‘ का सामना करना है। लेकिन इससे बचने के लिये बीजेपी ने तो पिछला बजट सत्र चलने ही नहीं दिया था और अब भी उसकी ऐसी ही नकारात्मक रणनीति दिखाई पड़ती है। लोकसभा की तरह राज्यसभा को भी जनहित, जनकल्याण व देशहित से दूर रखने का बीजेपी सरकार का प्रयास अति-निन्दनीय है।