राफेल मुद्दे पर ही एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा कि बीजेपी व आरएसएस वालों के लिए चौकीदार का महत्तव है, उसकी ईमानदारी का नहीं है। भ्रष्टाचार-मुक्ति, ईमानदारी, देशहित व राष्ट्रीय सुरक्षा सब कुछ चौकीदार पर न्योछावर है। अब चुनाव के समय चौकीदार सरकारी ख़र्चे पर देश भर में घूम-घूम कर सफाई दे रहें है कि वह बेईमान नहीं हैं बल्कि ईमानदार हैं। देश को सोचना है कि ऐसे चौकीदार का आख़िर क्या किया जाये?
रिपोर्ट में नहीं बताया विमान का दाम सीएजी रिपोर्ट में राफेल विमान के दाम को नहीं बताया गया। इसमें कहा गया है कि पिछली डील में बदलाव करने से देश की 17.08 फीसदी रकम बची। पिछली डील के मुताबिक राफेल विमान की डिलीवरी 72 महीनों में होनी थी लेकिन इस डील में 71 महीनों में ही डिलीवरी हो रही है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शुरुआती 18 राफेल विमान पिछली डील के मुकाबले 5 महीने पहले ही भारत आ जाएंगे।
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय वायुसेना ने एएसक्यूआर (एयर स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमंट्स) की परिभाषा तय नहीं की थी। परिणामस्वरूप कोई भी वेंडर एसक्यूआर का पालन पूरी तरह से नहीं कर पाया। प्रोक्योरमेंट प्रोसेस के दौरान एसक्यूआर लगातार बदले गए। इस कारण तकनीकी और कीमत मूल्यांकन के समय दिक्कतें हुईं।