सोमवार को मेरठ के परतापुर में वेदव्यासपुरी में बहुजन समाज पार्टी की रैली का आयोजन किया जाएगा। रैली के तैयारियां बड़े ही जोरशोर से की जा रही है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती मेरठ से लोकसभा 2019 के लिए चुनावी शंखनाद करेंगी।
पहले करेंगी बैठक रैली में मायावती दलितों, मुस्लिमों और पिछड़ों को जोडऩे की भी कोशिश करेंगी। रैली को संबोधित करने से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती एक बैठक भी करेंगी। मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद मंडलों की यह समीक्षा बैठक एक होटल होगी। रैली को सफल बनाने के लिए बसपा के थिंकटैंक अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
यह होगी रणनीति
विधानसभा चुनावों में भाजपा विरोधियों की हार के बाद विरोधी पार्टियां भाजपा को मात देने के लिए एक साथ आने को तैयार हैं, लेकिन उनका एक साथ आना आसान नहीं है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती यह तो चाहते हैं कि भाजपा को मिलकर मात दिया जाए लेकिन यह इतना आसान नहीं है क्योंकि कहीं न कहीं उनका अहम जरूर टकराएगा। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव इस बात के संकेत दे चुके हैं कि सपा और बसपा यूपी में मिल कर चुनाव लड़ें तभी भाजपा को हराया जा सकता है।
विधानसभा चुनावों में भाजपा विरोधियों की हार के बाद विरोधी पार्टियां भाजपा को मात देने के लिए एक साथ आने को तैयार हैं, लेकिन उनका एक साथ आना आसान नहीं है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती यह तो चाहते हैं कि भाजपा को मिलकर मात दिया जाए लेकिन यह इतना आसान नहीं है क्योंकि कहीं न कहीं उनका अहम जरूर टकराएगा। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव इस बात के संकेत दे चुके हैं कि सपा और बसपा यूपी में मिल कर चुनाव लड़ें तभी भाजपा को हराया जा सकता है।
आना होगा साथ तभी हरा पाएंगे भाजपा को
भाजपा विरोधियों को एकजुट होना होगा तभी वे भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। जिस तरह से 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने विरोधियों को चित किया है और उसके बाद 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सूबे में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है, उसको देखते हुए विरोधी सपा, बसपा, रालोद हैरान हैं। अब भाजपा विरोधियों को मिल कर ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है, उसके बाद ही वे भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।
भाजपा विरोधियों को एकजुट होना होगा तभी वे भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। जिस तरह से 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने विरोधियों को चित किया है और उसके बाद 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सूबे में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है, उसको देखते हुए विरोधी सपा, बसपा, रालोद हैरान हैं। अब भाजपा विरोधियों को मिल कर ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है, उसके बाद ही वे भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।