ये भी पढ़ें- पत्नी डिंपल को लेकर अखिलेश यादव के आरोपों पर भाजपा ने किया पलटवार, सांसद ने कहा- गलत साबित हुआ तो छोड़ दूंगा राजनीति गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में सपा और बसपा ने एक दूसरे का साथ दिया और भाजपा को पटखनी दी, तभी से दोनों के बीच 2019 चुनाव को लेकर करीबियां बढ़ने लगी थी। जो बुआ और भतीजे एक दूसरे पर हमलावर थे, वह एक दूसरे में रिश्ते तलाशने लगे। कन्नौज की एक रैली में डिंपल यादव ने सभी के सामने मायवाती के पैर छुए, तो मायवाती भी बहू कह कर उन्हें आशीर्वाद देने से पीछे नहीं हटीं। बीते वर्ष मायावती के जन्मदिन के सियासी महत्व के कारण अखिलेश यादव की पत्नी के जन्मदिन की कम ही चर्चा हुई। डिंपल ने अपना जन्मदिन सादगी के साथ मनाया। हालांकि, इस मौके पर मायावती ने उन्हें केक व फूल भिजवाकर बधाई दी। लेकिन उसके एक साल के भीतर सब कुछ बदल गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के फेल होने के बाद चुनावी जरूरतें खत्म हुईं, तो रिश्ते भी समाप्त हो गए। आज मायावती की ओर से डिंपल को केक तो नहीं भेजा गया, लेकिन अखिलेश यादव की ओर से नपे तुले शब्दों में बुआ के लिए बधाई जरूरी दी गई।