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गठबंधन तोड़ने के बाद मायावती देने जा रही सपा को बड़ा झटका, लिया बहुत बड़ा फैसला

locationलखनऊPublished: Aug 08, 2019 05:41:35 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम-दलित गठजोड़ को ध्यान में रखते हुए पार्टी में बड़ा फेरबदल किया है।

Mayawati

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लखनऊ. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha election) के बाद बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) मायावती (Mayawati) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से पल्ला झाड़ लिया। सपा उनके फैसले से वैसे भी नाखुश चल रही थी, कि अब मायावती ने अपनी पार्टी में ऐसे बड़े फेरबदल कर दिए हैं जिससे सपा को अपनी तैयारी और मजबूत करनी पड़ेगी। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने मुस्लिम-दलित (Muslim-Dalit) गठजोड़ को ध्यान में रखते हुए पार्टी में बुधवार को बड़ा फेरबदल किया है। उन्होंने पार्टी के वफादार पूर्व राज्यसभा (Rajya Sabha) सांसद मुनकाद अली (Munkad Ali) को बसपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे दी है। मायावती ने यह कदम समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने व विधानसभा के उपचुनावों में अकेले उतरने की घोषणा के बाद उठाया है जिससे उन्होंने सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की है। बसपा प्रमुख के इस फैसले को तीन तलाक मुद्दे पर खामोशी व अनुच्छेद 370 को खत्म करने के सरकार के फैसले के समर्थन देने से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
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मुस्लिम वोट बैंक पर मायावती की नजर-

प्रदेश अध्यक्ष के पद पर पूर्व में आरएस कुशवाहा आसीन थे। उन्हें प्रमोट करते हुए अब बसपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। लोकसभा चुनाव में हारने के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा की कुर्सी खतरे में दिख रही थी। इसी कारण मायावती ने कुशवाहा को हटाकर मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वसै यह पहली बार है कि बसपा प्रदेश अध्यक्ष की पद पर किसी मुस्लिम नेता की ताजपोशी हुई है। मेरठ के रहने वाले निवासी मुनकाद अली को प्रदेश संगठन की कमान सौंप मायावती ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में मजबूती बढ़ाने का प्रयास किया है। पश्चिम में दलित मुस्लिम गणित के अलावा अन्य क्षेत्रों में पिछड़ा-दलित समीकरण को पुनर्जीवित करने की कोशिश की गई है। वैसे अनुच्छेद 370 के हटाने के सरकार के फैसले पर सपा के विरोध के बाद मुस्लिम वोटर सपा के समर्थन में हैं तो बसपा के खिलाफ है। इस भरपाई भी मायावती ने मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर की है।
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यावद वोटरों को भी साथ में लाने की जुगत-

मायावती ने सपा से गठबंधन भले ही तोड़ लिया हो, लेकिन वह यादवों के वोट बैंक को अपने साथ लाने की जुगत में हैं। यादवों मेें सेंध लगाने के लिए मायावती ने नौकरशाह से सांसद बने श्याम सिंह यादव को लोकसभा में दलनेता नियुक्त किया है। वहीं अम्बेडकर नगर से सांसद रितेश पांडेय को लोकसभा में डिप्टी लीडर बना दिया गया है। वहीं सांसद गिरीश चंद्र जाटव लोकसभा में मुख्य सचेतक बने रहेंगे।

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