ये भी पढ़ें- उन्नाव दुष्कर्म मामला: पीड़िता, मां व चाचा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल, तफ्तीश में सामने आई यह बात मुस्लिम वोट बैंक पर मायावती की नजर- प्रदेश अध्यक्ष के पद पर पूर्व में आरएस कुशवाहा आसीन थे। उन्हें प्रमोट करते हुए अब बसपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। लोकसभा चुनाव में हारने के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा की कुर्सी खतरे में दिख रही थी। इसी कारण मायावती ने कुशवाहा को हटाकर मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वसै यह पहली बार है कि बसपा प्रदेश अध्यक्ष की पद पर किसी मुस्लिम नेता की ताजपोशी हुई है। मेरठ के रहने वाले निवासी मुनकाद अली को प्रदेश संगठन की कमान सौंप मायावती ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में मजबूती बढ़ाने का प्रयास किया है। पश्चिम में दलित मुस्लिम गणित के अलावा अन्य क्षेत्रों में पिछड़ा-दलित समीकरण को पुनर्जीवित करने की कोशिश की गई है। वैसे अनुच्छेद 370 के हटाने के सरकार के फैसले पर सपा के विरोध के बाद मुस्लिम वोटर सपा के समर्थन में हैं तो बसपा के खिलाफ है। इस भरपाई भी मायावती ने मुनकाद अली को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर की है।
ये भी पढ़ें- मायावती ने इस बड़े मुस्लिम नेता तो पार्टी में सबसे बड़ा पद देकर चला मास्टर स्ट्रोक, की बहुत बड़ी घोषणा…. यावद वोटरों को भी साथ में लाने की जुगत- मायावती ने सपा से गठबंधन भले ही तोड़ लिया हो, लेकिन वह यादवों के वोट बैंक को अपने साथ लाने की जुगत में हैं। यादवों मेें सेंध लगाने के लिए मायावती ने नौकरशाह से सांसद बने श्याम सिंह यादव को लोकसभा में दलनेता नियुक्त किया है। वहीं अम्बेडकर नगर से सांसद रितेश पांडेय को लोकसभा में डिप्टी लीडर बना दिया गया है। वहीं सांसद गिरीश चंद्र जाटव लोकसभा में मुख्य सचेतक बने रहेंगे।