पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से बने बंगलों में बेहतर बंगले बनाने की होड़ वीर बहादुर सिंह के समय शुरू हुई थी। माल एवेन्यू में उन्हें जो बंगला मिला था उसे बहुत अच्छे तरीके से उस वक्त रंग रोगन किया गया था। फिर इस प्रथा को मुलायम सिंह यादव ने आगे बढ़ाया। सरकारी बड़े बंगलों को पूर्व मुख्यमंत्री के नाम करने और पार्टी कार्यालय के नाम आवंटित करने की प्रथा शुरू की। पांच विक्रमादित्य मार्ग पर मुलायम सिंह यादव को बेहतरीन बंगला 90 के दशक में आवंटित किया गया। जब वे दोबारा सीएम बने तो तत्कालीन राज्य सम्पत्ति अधिकारी चंद्रमा प्रसाद ने उसे अपनी देख रेख में सुसज्जित कराया था।
मायावती का माल एवेन्यू स्थिति सरकारी बंगला सबसे बेहतर बनाया गया। लेकिन, उन्हें उससे संतुष्टि नहीं हुई। उन्होंने इस बंगले को और बेहतर करने के लिए चार एकड़ में बने गन्ना आयुक्त के दफ्तर को अपने बंगले में मिलवा दिया और मंहगे पत्थरों से उसे अपने बंगले के रूप में ढलवा दिया। इसके पास में ही दो बंगलों को तुड़वा कर पार्टी कार्यालय भी उन्होंने बनवाया। अब यह सब छिन जाएगा।
अखिलेश यादव का बंगला कितना भव्य है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनका बंगला कालिदास मार्ग और विक्रमादित्य मार्ग दोनों तरफ खुलता है। इस बंगले को बनवाने में सरकार का अच्छा खासा धन व्यय हुआ था। इसमें बेल्जियम के शीशे लगाए गए। बेहतरीत पत्थरों से फर्श तराशी गई। बिल्कुल व्हाईट हाउस सा बना दिया गया यह बंगला।
सर्वोच्च न्यायालय में सरकार फिर से रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। सीएम योगी ने भी इन बंगलों को खाली न करने की सिफारिश की थी। इसके पहले अखिलेश सरकार ने कानून में संशोधन भी किया था।