पार्टी हित में लिया फैसला मायावती ने चुनाव न लड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि देश की मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए मैंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। मायावती ने कहा कि मेरे जीतने से ज्यादा गठबंधन की जीत अहम है। मैं अगर चाहूं तो कहीं से भी चुनाव लड़ सकती हूं। मायावती ने कहा कि अगर चुनाव के बाद कोई स्थिति बनती है तो वह किसी भी सीट को खाली कराकर चुनाव लड़ सकती हूं और जीत भी सकती हूं। उन्होंने कहा कि बसपा के आंदोलन के खिलाफ विरोधी कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इसलिए पार्टी की सुप्रीमो होने के नाते मुझे कई कड़े फैसले लेने पड़ रहे हैं।
सपा-बसपा और आरएलडी का गठबंधन आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन करके चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके तहत बीएसपी 38, एसपी 37 और आरएलडी 3 सीटों पर मैदान में उतरी है। जबकि दो सीट अमेठी और रायबरेली को बिना गठबंधन किए कांग्रेस के लिए सपा-बसपा ने छोड़ा है। वहीं इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो ने कांग्रेस के रिटर्न गिफ्ट पर करारा हमला करते हुए कहा था कि कांग्रेस 7 सीटें छोड़ने का भ्रम न फैलाए और वह राज्य की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने को स्वतंत्र है। माया ने ट्वीट में करते हुए लिखा था कि बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल और गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आए दिन फैलाए जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आएं। इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए एसपी चीफ अखिलेश यादव ने भी उनका समर्थन किया था।