मायावती ने दिया बयान- मायावती ने गुरुवार को जारी एक बयान में ट्रिपल तलाक के अध्यादेश को केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। मायावती ने कहा कि ये अध्यादेश लोगों का ध्यान हिंदू-मुस्लिम की तरफ भटकाने की एक कोशिश है। अगर ऐसा न होता तो इस कानून को बनाने से पूर्व केंद्र सरकार ने इस पर विचार विमर्श के लिए इस विधेयक को संसदीय समिति में भेजने की मांग जरूर की होती। भाजपा इस प्रकार के संवेदनशील मुद्दों पर भी स्वार्थ की राजनीति कर रही है। मायावती ने आगे कहा कि वैसे भी लोगों की राय में नोटबंदी, जीएसटी आदि की तरह तीन तलाक के मामले में भी केंद्र सरकार के अपरिपक्व रवैये से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं की समस्याएं पूरे तौर से हल होने वाली नहीं हैं।
राम जन्मभूमि पर बोलीं मायावती- मायावती ने राम जन्मभूमि के मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहनभागवत के उस बयान का भी टिप्पड़ी की जिसमें उन्होंने कहा था कि जन्म भूमि पर मंदिर बने और अगर मुसलमान खुद बनवाते हैं तो बरसों से उन पर उठ रही उंगलियां झुक जाएंगी। मायावती ने कहा कि बसपा इससे बिल्कुल भी सहमत नहीं है। मायावती ने यह तक कह दिया कि एक नहीं बल्कि अनेकों मंदिर भी बना जाएं तब भी संकीर्ण हिंदू व मुसलमान के बीच रिश्ते सुधरेंगे नहीं। क्योंकि इनकी बुनियादी सोच व मानसिकता दलित, मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यक विरोधी है। मायावती ने यह भी कहा कि आरएसएस को सबसे पहले अपनी नफरत व साम्प्रदायिक सोच को बदलकर संविधान सम्मत मानवीय बनना होगा।