दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ से बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा और विधायक दल के नेता उमा शंकर सिंह पांच कालीदास आवास पर मिलने पहुंचे। बसपा के दो प्रमुख नेताओं ने सीएम योगी से मिलकर एक पत्र भी सौंपा है। बताया जा रहा है कि, इस पत्र में यह मांग की गई है कि, बसपा शासनकाल में प्रदेश की राजधानी समेत अन्य जिलों में बनाए गए स्मारकों की देखरेख और पार्कों में बदहाल स्थिति के सम्बंध में चर्चा की गई। लेकिन सीएम से मुलाकात के बाद सतीशचंद्र और उमाशंकर की भाजपा में मिलने की दवाए चलने लगी। जिस पर मायावती को प्रेसवार्ता बुलानी पड़ी।
यह भी पढ़े – बसपा महासचिव सतीश चंद्र और विधायक उमाशंकर ने सीएम योगी मिलकर सबको चौकाया सीएम को भोजी चिट्ठी मायावती ने कहा कि, बीते दस साल से बसपा शासन काल में बनाए गए पार्कों-स्मारकों की देखभाल नहीं होने की वजह से बदहाल व्यवस्था हो गई है। इस पर तत्काल यूपी सरकार को ध्यान देना चाहिए। मैंने पहले भी मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी। दोबारा महासचिव सतीश चंद्र और उमाशंकर पत्र लेकर स्मारकों की रख-रखाव को बेहतर करने की अपील को लेकर गए।
यह भी पढ़े – बुलडोजर नहीं अब ये कैमरा पकडेगा अपराधियों का गिरेबान, योगी सरकार की नई व्यवस्था संघर्षों की राजनीति है मेरी मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा मुझे जबरन राष्ट्रपति बनाना चाहती है। जबकि मैं बाबा साहेब और मान्यवर कांशीराम के आदर्शों पर चलकर अपने राजनीति के संघर्ष से देश में काम करना चाहती हूं। मेरे वोट बैंक को भटकाया न जाए तो मैं दोबारा मुख्यमंत्री बन सकती हूं। मुस्लिम समाज को लेकर सपा का अपना निशाना बनाया।