scriptये शिक्षक प्रशिक्षण से गायब रहते हैं, तो कक्षाओं में कैसे टिक पाते होंगे | Teachers are not taking interest in UDISE trainig | Patrika News

ये शिक्षक प्रशिक्षण से गायब रहते हैं, तो कक्षाओं में कैसे टिक पाते होंगे

locationलखनऊPublished: Oct 18, 2016 01:06:00 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता और स्कूलों की लापरवाही के चलते योजनाओं पर पानी फिर रहा है। सोमवार को रामावि पावटा में यू-डाइस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में इसकी झलक देखने को मिली। इसमें दो सौ से अधिक स्कूलों को शामिल होना था, लेकिन मात्र 30-40 स्कूलों के ही प्रतिनिधि पहुंचे।

Teachers are not taking interest in UDISE trainig

Teachers are not taking interest in UDISE trainig

सरकारी शिक्षण संस्थाओं को हाइटेक करना चाहती है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता और स्कूलों की लापरवाही के चलते योजनाओं पर पानी फिर रहा है। 

सोमवार को रामावि पावटा में यू-डाइस के प्रशिक्षण कार्यक्रम में इसकी झलक देखने को मिली। इसमें दो सौ से अधिक स्कूलों को शामिल होना था, लेकिन मात्र 30-40 स्कूलों के ही प्रतिनिधि पहुंचे। खास बात यह है कि प्रशिक्षण का जिम्मा संभालने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारियों को एेसे महत्वपूर्ण आयोजनों की ज्यादा चिंता नहीं है।
प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति

सरकारी और निजी स्कूलों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी एक प्रपत्र में भरने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से रामावि पावटा में प्रशिक्षण चल रहा है। या यूं कहें कि प्रशिक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है, क्योंकि खुद विभाग के जिम्मेदारों को पता नहीं कि प्रशिक्षण में कितने स्कूलों को बुलाया गया और इन स्कूलों से कितने शिक्षक या प्रतिनिधि आए। एेसे में यू-डाइस की जानकारी और सत्यता पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।
आते और प्रपत्र लेकर चले जाते

रामावि पावटा। सुबह 10 बजे का समय। यहां पर सन्नाटा छाया हुआ था। सिर्फ सन्दर्भ व्यक्ति ललित जुगतावत अपना काम कर रहे थे। 10.35 बजे एक-दो शिक्षक आए। जब उनसे पूछा तो बताया कि यू-डाइस के प्रशिक्षण में आए हैं। 
दो कमरों में यह प्रशिक्षण होना था। दोनों कमरों के भरने का दिनभर इंतजार करना पड़ा, लेकिन एेसा नहीं हो सका। दोपहर तक 30-40 शिक्षक ही पहुंचे। प्रशिक्षण के लिए जो आता वह प्रशिक्षण लेने की बजाए प्रपत्र लेकर वहां से रवाना हो जाता। शाम चार बजे तक प्रशिक्षण हॉल पर ताला लगा नजर आया। एेसे में शिक्षा विभाग के यू-डाइस प्रशिक्षण का कोई फायदा नहीं हो रहा है।
समय की तो किसी को परवाह ही नहीं

प्रशिक्षण सुबह 10 बजे शुरू होना था, लेकिन 11 बजे तक तो शिक्षा विभाग के कर्मचारी स्कूलवार और वार्डवार प्रपत्र अलग-अलग करने में ही व्यस्त रहे। पहले दिन के प्रशिक्षण में वार्ड संख्या 1 से 24 तक में संचालित सभी सरकारी/गैर सरकारी/मदरसा/केन्द्रीय विद्यालयों के संस्था प्रधानों या उनके प्रतिनिधि को भाग लेना था। यानी शिक्षा विभाग के अनुसार 24 वार्ड में संचालित 225 से 250 स्कूलों के शिक्षकों का प्रशिक्षण होना था, लेकिन सोमवार को मात्र 70-80 शिक्षक या संस्था प्रधान ही प्रशिक्षण लेने पहुंचे, लेकिन वे भी सिर्फ प्रपत्र लेकर चले गए।
इसलिए जरूरी है यू-डाइस का प्रशिक्षण

एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली (डीसीएफ ) में डाटा फार्म प्रत्येक राजकीय/निजी शिक्षण संस्थाओं को भरना अनिवार्य होता है, जिसके आधार पर भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से आगामी सत्र की कार्ययोजना का निर्माण होता हैं। यह महत्वपूर्ण डाटाबेस है, जिसकी आधार तिथि 30 सितम्बर है। प्रपत्र में विद्यालय के भवन, शौचालय, शिक्षकों की संस्थापन सूचना, बालकों का नामांकन जातिवार एवं वर्गवार, पुस्तकालय, प्रयोगशाला परीक्षा परिणाम रीपिटर्स, आरटीई में प्रवेशित बच्चों की सूचनाएं आदि संकलित की जाती हैं।
यू-डाइस नंबर सभी स्कूलों को जारी

यू-डाइस नंबर सभी स्कूलों को जारी कर दिया गया है। सभी स्कूलों को यू-डाइस नंबर पर ही अपनी जानकारी एकत्रित करने का निर्देश जारी किया गया है। हमें यह जानकारी नहीं है कि प्रशिक्षण में कितने स्कूलों के कितने शिक्षक आए हैं। यह सही बात है कि प्रशिक्षण में बहुत कम शिक्षक आए हैं। इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी गई है।
ललित जुगतावत,

जोधपुर शहर यू-डाईस ब्लॉक प्रभारी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो