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यूपी में गिराया गया एक और मंदिर तो भड़क उठीं मायावती, आग बबूला होकर कर दिया बड़ा बयान

locationलखनऊPublished: Sep 19, 2019 04:37:58 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– मंगलवार की रात किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्राचीन वाल्मीकि मंदिर ढहा दिया गया- वाल्मीकि समाज के लोगों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है- विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी मूर्ति तोड़ने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है

Mayawati

वाल्मीकि मंदिर ध्वस्त किये जाने पर मचा बवाल, मायावती ने योगी सरकार से कर दी बड़ी मांग

लखनऊ. राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में वाल्मीकि मंदिर ध्वस्त किये जाने की घटना पर जमकर बवाल शुरू हो गया है। अखिल भारतीय वाल्मीकि समाज के लोगों बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया। अब बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने भी घटना को शर्मनाक कृत्य करार देते हुए सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। गुरुवार को बसपा प्रमुख ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीते दिनों दिल्ली में प्राचीन संत रविदास मन्दिर को ध्वस्त कर दिया गया। फिर कर्नाटक में सत्ताधारी बीजेपी के ही दलित सांसद को मन्दिर में जाने से रोका गया और अब लखनऊ किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज परिसर में वाल्मीकि मन्दिर को जबर्दस्ती गिरा दिया गया। ये सब शर्मनाक व अति-निन्दनीय। केन्द्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि इन सब मामलों को पूरी गंभीरता से लेते हुए इस सम्बंध में त्वरित सख्त कार्रवाई करे, यह बी.एस.पी. की मांग है।
मंगलवार की रात केजीएमयू के दंत संकाय के पीछे स्थित भगवान वाल्मीकि के प्राचीन मंदिर को ध्वस्त कर दिया। जानकारी मिलते ही बुधवार सुबह वाल्मीकि समाज के सैकड़ों लोगों ने हंगामा किया। किसी बवाल की संभावना को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रही। मामले को शांत कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू करा दिया है। वाल्मीकि समाज की ओर से चौक कोतवाली में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। वहीं, केजीएमयू के चीफ प्राक्टर ने भी मंदिर गिराये जाने की किसी पूर्व सूचना से इनकार करते हुए दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई। उनका कहना है कि करीब एक सप्ताह पहले दंत संकाय के पीछे की जमीन को समतल कराया गया था। इसी बीच ठेकेदार ने बिना किसी सूचना के वाल्मीकि मंदिर तोड़ दिया।
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मंदिर में 80 वर्षों से हो रही थी पूजा-अर्चना
अखिल भारतीय वाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय महासचिव श्यामलाल ने बताया कि मंदिर में करीब 80 वर्षों से पूजा-अर्चना की जा रही थी। 17 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती पर भव्य कार्यक्रम की तैयारियां चल रही थीं, इसी बीच विवि प्रशासन ने रातो-रात मंदिर गिरा दिया। साथ ही मंदिर में स्थापित प्रतिमा, धार्मिक पुस्तकें और पूजन आदि सामग्री गायब करा दी।
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