scriptहार के बाद पहली बार मायावती का अखिलेश यादव पर जोरदार हमला, बसपा के इन नेताओं को थमाई बड़ी जिम्मेदारी | Mayawati targets Akhilesh Yadav after defeat in Loksabha Election | Patrika News

हार के बाद पहली बार मायावती का अखिलेश यादव पर जोरदार हमला, बसपा के इन नेताओं को थमाई बड़ी जिम्मेदारी

locationलखनऊPublished: Jun 24, 2019 06:10:42 pm

– समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के बाद बसपा प्रमुख मायावती हुईं हमलावर
– मुझे ताज कारीडोर में फंसाने में भाजपा के साथ मुलायम सिंह यादव की भी अहम भूमिका
– अखिलेश की सरकार में गैर यादव पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई, इसलिए उन्होंने वोट नहीं दिया
– मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और 23 मई को अखिलेश को फोन कर हार के लेकर अफसोस जताया
– सपा ने प्रमोशन में रिजर्वेशन का विरोध किया किया था इसलिए दलितों-पिछड़ों ने उसे वोट नहीं दिया।
– बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामआसरे कुशवाहा को सपा के नेता राम गोविंद चौधरी ने हरवाया

Mayawati targets Akhilesh Yadav after defeat in Loksabha Election

हार के बाद पहली बार मायावती का अखिलेश यादव पर जोरदार हमला, बसपा के इन नेताओं को थमाई बड़ी जिम्मेदारी

लखनऊ. समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पहली बार अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला है। मायावती निशाना साधते हुए कहा है कि अखिलेश यादव नहीं चाहते थे कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को ज्यादा टिकट दिए जाएं। क्योंकि सपा प्रमुख को डर था कि इससे लोकसभा चुनाव में वोटों का ध्रुवीकरण होगा। जबकि वह खुद चाहती थीं कि मुस्लिमों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दिए जाएं। वहीं मायावती के आरोपों पर सफाई देते हुए समाजवादी पार्टी का भी पक्ष आया है। सपा ने मायावती के आरोपों का विरोध करते हुए कहा है कि अखिलेश यादव का चरित्र धोखा देने वाला नहीं है। समाजवादी पार्टी ने बसपा से गठबंधन धर्म पूरी ईमानदारी से निभाया, लेकिन फिर भी बसपा प्रमुख का ऐसा आरोप लगाना समझ से परे है।

अखिलेश पर फोड़ा गठबंधन फेल होने का ठीकरा

दरअसल मायावती ने रविवार को मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय पर बसपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था। इस बैठक में पहली बार ऐसा हुआ है कि छोटे-बड़े सभी नेताओं के मोबाइल बाहर ही रखवा लिए गए थे। अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मायावती ने अखिलेश यादव पर ही लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के फेल होने का सारा ठीकरा फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें एक फोन तक नहीं किया। जबकि उन्होंने सतीश मिश्रा से अखिलेश तक यह संदेश भी भिजवाया कि वह उन्हें फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने एक फोन नहीं किया। लेकिन फिर भी मैंने बड़े होने का फर्ज निभाते हुए काउंटिंग के दिन 23 मई को उन्हें फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताते हुए उनसे बात की।
https://twitter.com/Mayawati/status/1143031589997166593?ref_src=twsrc%5Etfw
 

हार के बाद अखिलेश ने नहीं किया फोन

मायावती ने कहा कि 3 जून को जब मैंने दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात कही तब अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्रा को फोन किया, लेकिन तब भी मुझसे बात नहीं की। मायावती के मुताबिक लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे के समय अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्र से मुझे संदेश भिजवाया कि मैं मुस्लिमों को टिकट न दूं, क्योंकि उससे और ध्रुवीकरण होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे ताज कॉरिडोर केस में फंसाने में भाजपा के साथ मुलायम सिंह यादव का भी अहम रोल था। उन्होंने कहा कि अखिलेश की सरकार में गैर यादव और पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई। इसलिए उन्होंने वोट नहीं दिया।
https://twitter.com/Mayawati/status/1143031591448354817?ref_src=twsrc%5Etfw

सपा नेताओं ने किया भीतरघात

मायावती ने कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलेमपुर सीट पर विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हरवाया, लेकिन अखिलेश ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी के कई कैंडीडेट सपा नेताओं के भीतरघात की वजह से हार गए, लेकिन फिर भी अखिलेश ने सपा के उन भीतरघातियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। अगर यादवों का पूरा वोट गठबंधन को मिलता तो बदायूं, फिरोजाबाद और कन्नौज जैसी सीटें सपा न हारती। इससे साफ है कि यादव का अधिकतर वोट भाजपा को ट्रांसफर हुआ।
https://twitter.com/Mayawati/status/1143031592853446657?ref_src=twsrc%5Etfw
 

मायावती ने इनको सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

आनंद कुमार- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

आकाश कुमार- नेशनल कोऑर्डिनेटर

रामजी गौतम- नेशनल कोऑर्डिनेटर

दानिश अली- नेता लोकसभा

सतीश चंद्र मिश्र- नेता राज्यसभा
गिरीश चंद्र जाटव- लोकसभा में मुख्य सचेतक

श्याम सिंह यादव- उप मुख्य सचेतक


अखिलेश-मायावती की बड़ी बातें

12 जनवरी, 2019- लखनऊ के ताज होटल में गठबंधन का ऐलान

12 जनवरी, 2019- मायावती और अखिलेश यादव ने ज्वाइंट पीसी कर दी जानकारी
23 मई, 2019- लोकसभा चुनाव की हुई मतगणना, बसपा को 10 और सपा को मिलीं 5 सीटें

3 जून 2019- मायावती ने नई दिल्ली की बैठक में गठबंधन तोड़ने के दिए संकेत

4 जून 2019- मायावती ने नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर गठबंधन तोड़ने की वजह बताई
23 जून 2019- मायावती ने लखनऊ की बैठक में लोकसभा चुनाव में हार को लेकर अखिलेश यादव पर किया हमला

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