अखिलेश पर फोड़ा गठबंधन फेल होने का ठीकरा दरअसल मायावती ने रविवार को मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी मुख्यालय पर बसपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था। इस बैठक में पहली बार ऐसा हुआ है कि छोटे-बड़े सभी नेताओं के मोबाइल बाहर ही रखवा लिए गए थे। अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए मायावती ने अखिलेश यादव पर ही लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के फेल होने का सारा ठीकरा फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव हारने के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें एक फोन तक नहीं किया। जबकि उन्होंने सतीश मिश्रा से अखिलेश तक यह संदेश भी भिजवाया कि वह उन्हें फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने एक फोन नहीं किया। लेकिन फिर भी मैंने बड़े होने का फर्ज निभाते हुए काउंटिंग के दिन 23 मई को उन्हें फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताते हुए उनसे बात की।
सपा नेताओं ने किया भीतरघात मायावती ने कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलेमपुर सीट पर विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हरवाया, लेकिन अखिलेश ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि उनके पार्टी के कई कैंडीडेट सपा नेताओं के भीतरघात की वजह से हार गए, लेकिन फिर भी अखिलेश ने सपा के उन भीतरघातियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। अगर यादवों का पूरा वोट गठबंधन को मिलता तो बदायूं, फिरोजाबाद और कन्नौज जैसी सीटें सपा न हारती। इससे साफ है कि यादव का अधिकतर वोट भाजपा को ट्रांसफर हुआ।
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