भारत बंद में नहीं मिला बसपा का साथ 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस महागठबंधन कर विपक्ष को एकजुट करने में लगी है। महागठबंधन का सबसे बड़ा प्रयोग उत्तर प्रदेश में होना है, जहां कांग्रेस को समाजवादी पार्टी (SP), बहुजन समाज पार्टी (BSP)और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) का साथ चाहिए। लेकिन सोमवार 10 सितम्बर को कांग्रेस द्वारा किए गए भारत बंद में न तो सपा शामिल थी और न ही बसपा। हालांकि, दिल्ली के रामलीला मैदान में एक कार्यक्रम के दौरान विपक्षी नेता जुटे लेकिन सपा और बसपा इसमें नहीं शामिल थीं। एक तरफ राज्य में सपा ने महंगाई के खिलाफ अलग प्रदर्शन किया, तो वहीं बसपा ने बंद से पूरी तरह से दूरी बना ली।
बीजेपी की नीति बिलकुल कांग्रेस जैसी भारत बंद के एक दिन बाद मंगलवार को मायावती मे एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान महंगाई को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि महंगाी के मामले में भाजपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी की नीति बिलकुल कांग्रेस जैसी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान की केंद्र सरकार पूर्व की यूपीए सरकार जैसे फैसले ले रही है। पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को सरकारी नियंत्रण से बाहर रखने कि शुरुआत कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार में हुई थी। मायावती ने कहा कि अगर सरकार चाहे तो इन बढ़ते दामों को नियंत्रित कर सकती है लेकिन अपने उद्योगपति दोस्तों को निराश न करने के लिए वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। बीजेपी को लगता है कि वे एक बार फिर अपने उद्योगपति साथियों की बदैलत सत्ता हासिल कर सकती है।
वर्तमान की केंद्र सरकार ने जनता को लाचार बना दिया मायावती ने कहा कि यूपीए की गलत नीतियों को केंद्र की मोदी सरकार दोहरा रही है। वे भी उसी रास्ते पर हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्तमान की केंद्र सरकार ने जनता को लाचार बना दिया है। खासकर गरीब मलजूमों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। लेकिन जनता आने वाले चुनाव में उन्हें सबक सिखाएगी।
कांग्रेस के द्वारा किए गए भारत बंद का समर्थन न करने पर यह सवाल उठता है कि क्या यूपी में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है? या फिर कांग्रेस सभी दलों को साथ लेकर चलने में नाकामयाब है।