3 अप्रेल को शुरू हुई थी यह व्यवस्था बता दें यूपी में पिछले महीने विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती संगठन को दोबारा से खड़ा करने की कवायद में जुट गई हैं। बता दें कि मायावती ने बीती 3 अप्रेल को प्रदेशभर के कोआर्डिनेटरों, विधानसभा उम्मीदवारों और भाई-चारा कमेटी के पदाधिकारियों को बुलाया था।
अच्छे नहीं आए थे नतीजे बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस बैठक में भाई-चारा कमेटियां भंग करते हुए प्रदेश को छह जोन में बांटा था। इसके साथ ही प्रत्येक तीन मंडल का एक जोन बनाया गया था। लेकिन इसे बनाए जाने का नतीजे अच्छे नहीं मिले। जिसके बाद बसपा अध्यक्ष ने इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया।
अब प्रत्येक मंडल में 3 प्रभारी होंगे बसपा अध्यक्ष मायावती ने इस नई व्यवस्था के तहत प्रत्येक मंडल में तीन प्रभारी बनाए हैं। इन्हीं प्रभारियों की देखरेख में ही पूरे मंडल में संगठन को विस्तार दिया जाएगा। इसके साथ ही भाई-चारा कमेटियां भंग होने के बाद उसके पदाधिकारियों को जिला सचिव या फिर मंडल में जिम्मेदारी दी गई है।
पहले मंडल प्रभारी तय करते थे उम्मीदवार बता दें कि बसपा में पहले मंडलीय प्रभारियों की देख-रेख में उम्मीदवार तय किए जाते थे और जिम्मेदारियां तय की जाती थीं। लेकिन इस व्यवस्था को वर्ष 2012 में खत्म करते हुए जोनल व्यवस्था शुरू की गई थी। इसमें हर जोन में पांच-पांच कोआर्डिनेटर बनाए जाते थे।