इसी मामले में मायावती ने अखिलेश यादव को फोन किया। अखिलेश के बचाव में उतरीं बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सीबीआई का इस्तेमाल राजनीतिक द्वेष के लिए हो रहा है। अवैध खनन मामले में मायावती ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बचाव करते हुए कहा कि अखिलेश के खिलाफ राजनीतिक विद्वेष से सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा राजनीतिक फायदे के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है।
बसपा इन षडयंत्रों की भुक्तभोगी रही है
बसपा की लखनऊ यूनिट ने सोमवार को अखिलेश यादव के पक्ष में रिलीज जारी कर बताया कि मायावती ने रविवार को अखिलेश यादव को फोन किया और कहा कि भाजपा द्वारा इस प्रकार की राजनीति करना इनका पुराना हथकंडा रहा है, जिसे जनता समझती है। बसपा इन षडयंत्रों की भुक्तभोगी रही है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अखिलेश यादव अखिलेश को घबराने की नहीं बल्कि डटकर मुकाबला करके, इनके षडयंत्र को विफल करने की जरूरत है।
15 जनवरी को जन्मदिन पर हो सकती है घोषणा लोकसभा २०१९ का चुनाव सपा और बसपा यूपी में मिल कर लड़ेंगे। पिछले दिनों दिल्ली में मायावती के आवासपर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच गठबंधन को लेकर लंबी बातचीत हुई उसके बाद जो नतीजा निकल कर आया उसके अनुसार सपा और बसपा यूपी में 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, दो या तीन सीटें रालोद को और अमेठी व रायबरेली में अपना उम्मीदवार न उतारने पर फैसला हुआ। बता दें कि यूपी में सपा-बसपा का गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन पर इसकी घोषणा हो सकती है।
जैसे ही लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर यूपी में सपा और बसपा की बात सामने आई उसके अगले ही दिन शनिवार को सीबीआई ने अखिलेश सरकार में हमीरपुर में डीएम रहीं आईएएस बी. चंद्रकला के राजधानी स्थित आवास समेत 14 जगहों पर छापा मारा। खनन मामले में जांच की आंच अब अखिलेश यादव तक पहुंच सकती है। सीबीआई उनसे कभी भी पूछ-ताछ कर सकती है। रविवार को अखिलेश ने भी कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं। पहले कांग्रेस सीबीआई का डर दिखाती थी अब भाजपा दिखा रही है।