35 पर हार-जीत के समीकरणों का विश्लेषण कर रही है
यूपी में महागठबंधन में कांग्रेस शामिल होगी इसकी उम्मीदें कम ही दिख रही हैं। जिस तरह से कांग्रेस अपनी तैयारी कर रही है उससे तो यही लगता है कि वह गठबंधन में शामिल भी होती है तो भी सीटों को लेकर वह समझौता करने के मूड में नहीं है। यूपी में किसी भी दल से तालमेल न होने पर पार्टी 80 लोकसभा सीटों में से 35 पर हार-जीत के समीकरणों का विश्लेषण कर रही है। पार्टी 2009 के आधार पर उन लोकसभा क्षेत्रों में अपनी तैयारियां कर रही है जहां से उसके 22 सांसद चुन कर आए थे। इसके अलावां कुछ अन्य सीटें भी हैं जहां से प्रत्याशी अच्छे मतों के साथ दूसरे स्थान पर थे। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने वजूद वाली उन सीटों पर कार्यकर्ता सम्मेलन, जनसभाएं और बैठकें कर जमीन को उर्वरा बनाने के साथ-साथ जीतने वाले उम्मीदवारों की पहचान भी शुरू कर दी है। कांग्रेस पडरौना से आरपीएन सिंह, झांसी से प्रदीप जैन, धौरहरा से जितीन प्रसाद, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, कानपुर समेत कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, ऐसा माना जा रहा है।
यूपी में महागठबंधन में कांग्रेस शामिल होगी इसकी उम्मीदें कम ही दिख रही हैं। जिस तरह से कांग्रेस अपनी तैयारी कर रही है उससे तो यही लगता है कि वह गठबंधन में शामिल भी होती है तो भी सीटों को लेकर वह समझौता करने के मूड में नहीं है। यूपी में किसी भी दल से तालमेल न होने पर पार्टी 80 लोकसभा सीटों में से 35 पर हार-जीत के समीकरणों का विश्लेषण कर रही है। पार्टी 2009 के आधार पर उन लोकसभा क्षेत्रों में अपनी तैयारियां कर रही है जहां से उसके 22 सांसद चुन कर आए थे। इसके अलावां कुछ अन्य सीटें भी हैं जहां से प्रत्याशी अच्छे मतों के साथ दूसरे स्थान पर थे। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने वजूद वाली उन सीटों पर कार्यकर्ता सम्मेलन, जनसभाएं और बैठकें कर जमीन को उर्वरा बनाने के साथ-साथ जीतने वाले उम्मीदवारों की पहचान भी शुरू कर दी है। कांग्रेस पडरौना से आरपीएन सिंह, झांसी से प्रदीप जैन, धौरहरा से जितीन प्रसाद, शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, कानपुर समेत कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, ऐसा माना जा रहा है।
रणनीति के तहत लिया गया है बतादें कि 2014 में पार्टी को केवल दो ही सीटें अमेठी और रायबरेली से जीत मिली थी। इसके अलावा ए क्षेणी की 20 सीट होंगी जहां पर पार्टी को लगता है कि उसका जनाधार बना हुआ है। तालमेल न होने पर भी पार्टी ने 80 में से केवल 35 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला पार्टी के रणनीति के तहत लिया गया है ऐसा माना जा रहा है। उनमें कुछ कुछ ऐसी लोकसभा सीट भी हैं जिनके विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का मत प्रतिशत अच्छा रहा है। इसी को लेकर कांग्रेस उत्साहित है।