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दिखने लगा मिशन शक्ति का असर, 11 मामलों में 14 आरोपियों को फांसी की सजा, कुल 62 मामले पहुंचे कोर्ट

locationलखनऊPublished: Oct 20, 2020 09:39:25 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

मिशन शक्ति के शुरुआती दो दिनों में कुल 54 मामलों के 62 आरोपियों के विरुद्ध पत्रावलियां कोर्ट में पहुंचाई गईं। आरोपियों पर कार्रवाई की गई है जिसमें से 11 मामलों में 14 आरोपियों को सजा सुनाई गई।

दिखने लगा मिशन शक्ति का असर, 11 मामलों में 14 आरोपियों को फांसी की सजा, कुल 62 मामले पहुंचे कोर्ट

दिखने लगा मिशन शक्ति का असर, 11 मामलों में 14 आरोपियों को फांसी की सजा, कुल 62 मामले पहुंचे कोर्ट

लखनऊ. महिलाओं और बच्चों को स्वावलंबी बनाने, उन्हें सुरक्षा देने और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने के लिए 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति का शुभारंभ किया था। अब इस अभियान का असर दिशखना भी शुरू हो गया है। मिशन शक्ति के शुरुआती दो दिनों में कुल 54 मामलों के 62 आरोपियों के विरुद्ध पत्रावलियां कोर्ट में पहुंचाई गईं। आरोपियों पर कार्रवाई की गई है जिसमें से 11 मामलों में 14 आरोपियों को सजा सुनाई गई। सभी आरोपियों को फांसी की सजा का ऐलान किया गया है। इसके अलावा ऐसे 11 मुकदमों में 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई है। अभियान के दूसरे दिन 28 मुकदमों में 30 आरोपियों के खिलाफ पत्रावलियां सत्र न्यायालय पहुंचाई गईं, जिनमें विचारण शुरू नहीं हो पा रहा था।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के पहले व दूसरे दिन अभियान के तहत अभियोजन अधिकारियों ने बड़ी सफलता हासिल की है। फांसी व आजीवन कारावास के अलावा महिलाओं व बच्चों के साथ हुई संगीन घटनाओं के आठ मामलों में 22 आरोपितों को कारावास व आर्थिक दंड की सजा दिलाई गई। इसके अलावा 347 आरोपितों की जमानत निरस्त कराने में भी सफलता हासिल की गई। साथ ही गुंडा एक्ट के तहत 101 आरोपितों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई की गई। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि दुष्कर्म के मामलों में कड़ी पैरवी कर आरोपियों को फांसी की सजा सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
17 लाख सूचनाएं दर्ज

ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर सबसे ज्यादा करीब 17 लाख सूचनाएं दर्ज कर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। वहीं करीब 23 हजार सूचनाएं दर्ज कर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। जबकि हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, बिहार, असम, तमिलनाडु, राजस्थान व गुजरात काफी पीछे चल रहे हैं।
इन मामलों में सुनाई फांसी की सजा

– लखनऊ में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपी बबलू को सजा

– मुजफ्फरनगर में फिरौती के लिए अपहरण व हत्या में आरोपित कलीम उर्फ कल्लू को सजा
– औरैया में किशोरी की घर में घुसकर हत्या में आरोपित अजय कुमार को सजा

– रामपुर में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित नाजिल को सजा

– अयोध्या में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित संतोष नट व तेजपाल नट को सजा।
– आगरा की दो घटनाओं में भी आरोपितों को सजा

इन मामलों में भी सुनाई सजा

– हापुड़ में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में आरोपित अंकुर तेली व सोनू उर्फ पउवा को सजा।
– अमरोहा में वृद्धा से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित उपेन्द्र को सजा

– बरेली में किशोरी से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित मुरारी लाल व उमाकांत गंगवार को सजा।

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