गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मिशन शक्ति के पहले व दूसरे दिन अभियान के तहत अभियोजन अधिकारियों ने बड़ी सफलता हासिल की है। फांसी व आजीवन कारावास के अलावा महिलाओं व बच्चों के साथ हुई संगीन घटनाओं के आठ मामलों में 22 आरोपितों को कारावास व आर्थिक दंड की सजा दिलाई गई। इसके अलावा 347 आरोपितों की जमानत निरस्त कराने में भी सफलता हासिल की गई। साथ ही गुंडा एक्ट के तहत 101 आरोपितों के विरुद्ध जिला बदर की कार्रवाई की गई। अपर मुख्य सचिव का कहना है कि दुष्कर्म के मामलों में कड़ी पैरवी कर आरोपियों को फांसी की सजा सुनिश्चित कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।
17 लाख सूचनाएं दर्ज ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर सबसे ज्यादा करीब 17 लाख सूचनाएं दर्ज कर उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। वहीं करीब 23 हजार सूचनाएं दर्ज कर कर्नाटक दूसरे स्थान पर है। जबकि हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, बिहार, असम, तमिलनाडु, राजस्थान व गुजरात काफी पीछे चल रहे हैं।
इन मामलों में सुनाई फांसी की सजा – लखनऊ में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपी बबलू को सजा – मुजफ्फरनगर में फिरौती के लिए अपहरण व हत्या में आरोपित कलीम उर्फ कल्लू को सजा
– औरैया में किशोरी की घर में घुसकर हत्या में आरोपित अजय कुमार को सजा – रामपुर में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित नाजिल को सजा – अयोध्या में मासूम से दरिंदगी व हत्या में आरोपित संतोष नट व तेजपाल नट को सजा।
– आगरा की दो घटनाओं में भी आरोपितों को सजा इन मामलों में भी सुनाई सजा – हापुड़ में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म में आरोपित अंकुर तेली व सोनू उर्फ पउवा को सजा।
– अमरोहा में वृद्धा से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित उपेन्द्र को सजा – बरेली में किशोरी से दुष्कर्म व हत्या में आरोपित मुरारी लाल व उमाकांत गंगवार को सजा। ये भी पढ़ें: नारी सुरक्षा के लिए हुआ ‘मिशन शक्ति’ का आगाज, हर थाने में होगी महिला हेल्प डेस्क, यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत बेटियों की भर्ती