– रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक हैं अदिति सिंह- लंबे वक्त से बागी तेवर दिखा रही हैं विधायक अदिति सिंह- अदिति सिंह अपने ट्विटर हैंडल से INC का नाम हटा दिया है- प्रोफाइल बदले जाने के बाद ट्विटर ने भी ब्लू टिक हटाया
बस विवाद में अपनी ही पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना करने वाली अदिति सिंह ने अब अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस (INC) का नाम हटा दिया है
लखनऊ. लॉकडाउन में दूसरी बार कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह सुर्खियों में हैं। बस विवाद में अपनी ही पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना करने वाली अदिति सिंह ने अब अपने ट्विटर हैंडल से कांग्रेस (INC) का नाम हटा दिया है। अब उनकी प्रोफाइल के बायो में केवल रायबरेली सदर विधानसभा से विधायक होने का जिक्र है। इससे पहले उनकी प्रोफाइल में कांग्रेस विधायक लिखा था। उनकी प्रोफाइल बदलते ही ट्विटर ने भी ब्लू टिक का मार्क हटा दिया है। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना ट्विटर प्रोफाइल और बायो डिस्क्रिप्शन बदला था, जिसके बाद मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ और कमलनाथ सरकार गिर गई थी। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस की ओर से इस मामले पर अभी कोई बयान नहीं आया है।
2017 के विधानसभा चुनाव में अदिति सिंह कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर से पहली बार विधायक चुनी गईं। पिता अखिलेश सिंह के निधन के बाद से उनके बगावती तेवर दिखने लगे थे। इससे पहले उनकी गिनती गांधी परिवार के नजदीकियों में होती थी। बीते वर्ष अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 व धारा 35 ए हटाया तो कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा। तब विधायक अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर मोदी सरकार का समर्थन किया था, जिस पर कांग्रेस ने उन्हें नोटिस जारी किया था। इतना ही नहीं अदिति ने दो अक्टूबर को योगी सरकार द्वारा आहूत विधानसभा के विशेष सत्र में भाग भी लिया था, जबकि कांग्रेस ने इसमें भाग न लेने के लिए व्हिप जारी किया था। इसी को लेकर कांग्रेस ने नवंबर 2019 में विधानसभा अध्यक्ष के पास उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए याचिका दे रखी है। बावजूद अदिति सिंह के बागी तेवर में तनिक भी तल्खी कम नहीं हुई। हाल ही में जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में श्रमिकों के लिए 1000 बसें चलाने की पेशकश की तो अदिति ने न केवल कांग्रेस की आलोचना की, बल्कि योगी सरकार की जमकर तारीफ भी की। और अब अपने ट्विटर हैंडल से पार्टी का नाम हटाकर एक बार फिर बगावती तेवर दिखाए हैं।