लो अखिलेश ने की मुलायम से ‘बगावत’ !
लखनऊPublished: Oct 19, 2016 07:37:00 pm
मुलायम -अखिलेश के समर्थकों में
टकराव आशंका बढ़ गयी है।
लखनऊ। उत्त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से बगावत कर दी है ! 5 नवम्बर से लखनऊ में होने वाली पार्टी के रजत जयंती समारोह से पहले 3 नवम्बर से ही रथ यात्रा पर जाने का निर्णय कर लिया है। अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव को पत्र लिख कर कहा है कि सभी राजनैतिक दल अपनी पार्टी के चुनाव में लग गये हैं। ऐसी दशा में सरकार बनाने हेतु चुनाव प्रचार -प्रसार के उद्देश्य से विकास से विजय की ओर समाजवादी विकास रथ यात्रा प्रारम्भ करने जा रहा हूँ। यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम समय -समय पर कार्यकर्ताओं तथा जिलाध्यक्षों को भेजा जायेगा। इसकी प्रतिलिपि राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को भी भेजी गयी है।
मुलायम नहीं, अखिलेश हों अध्यक्ष
अखिलेश के करीबी एमएलसी उदयवीर ने कहा है कि मुख्यमंत्री जी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर उनका अपमान किया गया। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। मुलायम सिंह यादव जी को मुख्यमंत्री जी के लिए अध्यक्ष का पद छोड़ देना चाहिए।
अखिलेश के पत्र के बाद पार्टी में एक बार फिर मुलायम -अखिलेश के समर्थकों में टकराव आशंका बढ़ गयी है।
कब हुई थी तकरार की शुरुआत
यादव परिवार की आपसी फूट की शुरुआत 12 सितंबर को तब सड़क पर आयी जब मुख्यमंत्री ने अपने दो कैबिनेट मंत्रियों गायत्री प्रसाद प्रजापति और राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा कर शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। ये एक्शन यही नहीं रुका। जवाब में अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव से कई महत्वपूर्ण विभाग छीन लिया,और कहा कुछ को नेताजी की मर्जी और कुछ अपने मर्जी से हटाया। जब तक परिवार में तीसरा आदमी दखल देगा स्थित नहीं ठीक होगी। फिर क्या मुलायम ने अमर सिंह को राष्ट्रीय महासचिव बना दिया।
अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के विरोध में कुछ नेताओं ने मुलायम सिंह यादव के आवास पर प्रदर्शन कर उनके विरोध में नारे लगाये। दूसरे ही दिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने वीडियो फुटेज देख कर मुलायम का विरुद्ध और उनपर आपत्तिजनक टिप्पड़ी करने वालों को पार्टी से निलंबित कर दिया। मुख्यमंत्री ने उन्हीं निलंबित लोगों समेत कुछ और नेताओं को जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में ओहदेदार बना दिया।