पहले सिर्फ गवाह की मौजूदगी में होता था निकाह मॉडर्न निकाह से पहले सिर्फ दो गवाहों की मौजूदगी में निकाह कुबूल कराया जाता था। निकाह का कोई दस्तावेज नहीं तैयार होती था। हालांकि बाद में विवाद की स्थिति होने पर यह तय किया गया कि तहरीर की तर्ज पर निकाहनामा लिखा जाएगा। लेकिन ये निकाहनामा सिर्फ ऊर्दू भाषा में होता था और इसमें मियां बीवी को फोटो भी नहीं होती थी। निकाहनामा के सिर्फ उर्दू भाषा में होने से अन्य भाषा के जानकार इसे समझ नहीं पाते थे वहीं सरकारी कामकाज में भी दिक्कत होती थी। वहीं अब निकाहनामे का प्रयोग सरकारी दस्तावेजों में हो सके और मियां बीवी निकाहनामे के आधार पर विदेश की यात्रा कर सकें इसके लिए मॉडर्न निकाह को स्वीकार किया गया है।
ये है मॉडर्न निकाह मॉडर्न निकाह में निकाहनामे में उर्दू के साथ साथ हिंदी व अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जाता है। निकाहनामे में शोहर और बीवी की फोटो लगाई जाती है जिस पर मौलाना अपनी मुहर लगाते हैं ऐसे में विवाद की कोई स्थिति नहीं होती है और यह स्पष्ट होता है कि किस व्यक्ति का किस महिला के साथ निकाह किया गया है।