सरकार का बड़ा कदम केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक हवाई किराए में कटौती हाजियों का राजनीतिक और आर्थिक शोषण खत्म कर देगी, जो यूपीए सरकार के समय हुआ। उन्होंने यूपीए सरकार के समय तय हवाई किराए की 2018 के नए किराए से तुलना की। नकवी ने कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला तुष्टीकरण के बगैर अल्पसंख्यकों का सशक्तिकरण करने की नीति के मुताबिक है।
अब होगा इतना किराया जानकारी के मुताबिक सरकार के इस फैसले के बाद एयर इंडिया , सऊदी एयरलाइन और फ्लाइनस एयरलाइंस की भारत के 21 हवाई अड्डों से जेद्दा और मदीना के टिकट के दामों में 18-49 फीसदी की कटौती होगी। सरकार के इस फैसले के बाद अहमदाबाद से जेद्दाह और मदीना का हवाई किराया 65,015 रुपये होगा, जो 2013-14 में 98,750 रुपये था। लखनऊ से जेद्दाह और मदीना का हवाई किराया 78,933 रुपये के आसपास रहेगा जो 2013-14 में 1,06,750 रुपये था।, मुंबई से जेद्दाह और मदीना का हवाई किराया 57,857 रुपये के आसपास रहेगा जो 2013-14 में 98,750 रुपये था। वाराणसी से जेद्दाह और मदीना का हवाई किराया 92004 रुपये के आसपास रहेगा जो 2013-14 में 1,12,300 रुपये था। जबकि दिल्ली से जेद्दाह और मदीना का हवाई किराया 71853 रुपये के आसपास रहेगा जो 2013-14 में 98750 रुपये था।
सब्सिडी खत्म करने के बाद उठाया ये कदम दरअसल केंद्र की मोदी सरकार ने बीते महीने हज सब्सिडी को खत्म कर दिया था। जिसके बाद काफी राजनीतिक हड़ंकप मचा था। हालांकि तब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 2012 के निर्देश का हवाला देते हुए इस कदम को सही बताया था। सरकार का कहना था कि हम हज सब्सिडी खत्म होने से बचने वाले पैसों को अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा पर खर्च करेंगे। आपको बता दें कि यह सब्सिडी हाजियों को हवाई किराए में छूट के तौर पर दी जाती थी, जिस पर सालाना 650 करोड़ रुपये खर्च होते थे।