भारतीय संस्कृति में मां को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया जहां महाभारत में कहा गया है कि ‘माता गुरुतरा भूमे:’ यानि सृष्टि में पृथ्वी सबसे भारी है, और उससे भी ज्यादा भारी है मां। इसी तरह मनु स्मृति में लिखा है कि 10 उपाध्यायों के बराबर एक आचार्य, सौ आचार्यों के बराबर एक पिता होता है और सौ पिताओं से अधिक गौरवपूर्ण मां होती है।
जापान में एक कहावत है कि ‘पिता की अच्छाई पहाड़ से भी ऊंची होती है और मां का प्यार समुद्र से भी गहरा होता है’
आयरिश कहावत है कि ‘पुरुष अपनी बेटी को सबसे अधकि प्यार करते, अपनी पत्नी को सबसे अच्छी तरह प्यार करते हैं, लेकनि सबसे पवित्र और लंबे समय तक वह अपनी मां से ही प्यार करते हैं।’
पर्सियन कहावत है- ‘बच्चे स्वर्ग तक पहुंचने की सीढ़ी हैं और स्वर्ग मां के चरणों में है।’
जर्मन कहवावत- ‘बच्चे का अच्छा भविष्य मां के विश्वास से बनता है, क्योंकि मां के विश्वास सेब बड़ा कुछ नहीं’
अफ्रीकी कहावत- ‘मां एक बीज की तरह होती है जो समस्याओं की धरती में दब जाती है, लेकिन फिर वह पौधा बनकर उभरती है’
ब्रिटिश कहावत में कहा गया है कि ‘मां एक क्रिया है, संज्ञा नहीं’
तुर्की की मशहूर कहावत है- ‘जिसने मां के कदम चूम लिये उसने स्वर्ग का दरवाजा देख लिया’
कहावतें अनुभव का निचोड़ होती हैं। लोकप्रियता, मार्मिकता, तार्किकता और युगों-युगों के अनुभवों का परिणाम होती हैं कहावतें। पूर्वजों द्वारा कहावतों के रूप में परंपरा, मानवीय पहलू और संबंधों का असल मतलब समझाने वाली जानकारियां इन कहावतों में मौजूद होती है। मातृ शक्ति एक ऐसा विषय है जिसपर दुनिया भर में कहावतें हैं। हर देश में उसकी ये कहावतें अलग-अलग भले हों, पर सबका सार लगभग एक ही है। हर जगह मां के महत्व को और उसकी ममता व उसके त्याग को बताया गया है।