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पालक से बनेगी ऑस्टियोआर्थराइटिस की दवा, निर्माण के लिए सीडीआरआई और दवा कम्पनी में हुआ करार

locationलखनऊPublished: Jan 18, 2018 09:32:07 pm

Submitted by:

Laxmi Narayan

ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के क्षेत्र में सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिकों को एक नई सफलता मिली है।

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लखनऊ. ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के क्षेत्र में सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिकों को एक नई सफलता मिली है। ऑस्टियोआर्थराइटिस को अस्थिसंधिशोथ या संधिवात भी कहते हैं। यह जोड़ों की एक आम बीमारी है जो मुख्यतः वजन सहने वाले जोड़ों जैसे कूल्हों और घुटनों को प्रभावित करती है और शारीरिक विकलांगता का कारण बनती है। सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिकों की टीम ने पालक जिसका वानस्पतिक नाम स्पिनेशिया ऑलेरेसिया है, से एक मानकीकृत नैनो-फॉर्मूलेशन विकसित किया है जो उपास्थि के क्षय को रोक कर ओस्टियोआर्थराइटिस के दुष्प्रभावों को कम करता है। दवा निर्माण की प्रौद्योगिकी का विवरण फार्मान्जा हर्बल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया गया और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण किया गया। यह दवा ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज में बहुत उपयोगी होगी और जल्द ही इसे भारतीय बाजार में लॉन्च किया जाएगा।
वर्तमान में ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए कोई व्यवहारिक उपचार उपलब्ध नहीं है। भारत में 39 प्रतिशत लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित हैं। इसमें से 65 वर्ष से अधिक की 45 प्रतिशत महिलाओं में इसके लक्षण पाये गए हैं तथा 70 प्रतिशत में एक्स-रे रिपोर्ट के माध्यम से ऑस्टियोआर्थराइटिस होने के प्रमाण मिले हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस से ग्रसित, रजोनिवृत्त महिलाओं में सामान्य महिलाओं की तुलना में फ्रैक्चर का खतरा 20 प्रतिशत अधिक पाया गया है। सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने कहा कि हम एक नए हर्बल फार्मुलेशन को सफलतापूर्वक तैयार करने से बेहद खुश हैं। हमारे अनुसंधान के परिणामों के आधार पर हमारी दवा कोई विषाक्तता नहीं दिखाती है और नैनो-फार्मुलेशन की वज़ह से ये दवा कम मात्रा में भी प्रभावी है। इसमें चार बायो-मार्करों की पहचान की गई है जो घुटने के जोड़ पर उपास्थि की मरम्मत की प्रक्रिया को दक्षता प्रदान करते हैं।
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण दस्तावेज का आदान-प्रदान सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन निदेशक और फार्मान्जा हर्बल प्राइवेट लिमिटेड अहमदाबाद की प्रतिनिधि रुची सिंह और अबोली गिरमे के बीच किया गया।

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